Indian Railways: इंडियन रेलवे के सभी 18 जोन में जबलपुर के पश्चिम मध्य रेलवे ने एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. पश्चिम मध्य रेलवे के तहत आने वाले संपूर्ण रेलवे ट्रैक को 100 प्रतिशत विद्युतीकृत कर लिया गया है. इससे न केवल पर्यावरण में सुधार होगा बल्कि ट्रेन परिचालन को सुगम बनाने के साथ खर्च में भी भारी कमी होगी. पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के सीपीआरओ राहुल जयपुरियार के मुताबिक रेल इलेक्ट्रिफिकेशन की दिशा में नया माइल स्टोन हासिल किया गया है. पश्चिम मध्य रेलवे की मेन लाइन के साथ अब रेल साईडिंग (गुड्स ट्रेन के लिए किसी फैक्टरी तक बनाई गई अप्रोच रेल लाइन) को भी पूरी तरह विद्युतीकृत कर दिया गया है. यह देश का पहला रेल जोन है जिसने पूरी तरह विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल किया है. उन्होंने बताया कि पर्यावरण के क्षेत्र में भी पश्चिम मध्य रेल की उल्लेखनीय उपलब्धि है.
निम्न साइडिंग को विद्युतीकृत किया गया
- कटनी-सिंगरौली खंड पर निवास रोड साइडिंग को विद्युतीकृत किया जा चुका है.
- कटनी-सिंगरौली खंड पर गजराबहरा साइडिंग को विद्युतीकृत किया जा चुका है.
इस प्रकार कुल 21.6 किलोमीटर साइडिंग को विद्युतीकृत किया गया है. इसके अतिरिक्त पमरे अपने परिक्षेत्र में आने वाले रूटों पर नए ट्रेक्शन सब स्टेशन स्थापित करने की ओर तेजी से अग्रसर है. पिछले 30 दिनों के दौरान दो नए ट्रेक्शन सब स्टेशन, जिनमें से एक कैमा (सतना-रीवा खंड) और दूसरा शिवपुरी (गुना-ग्वालियर खंड) में तैयार कर लिये गये हैं. इसके साथ-साथ WCR ने माल गोदामों को उन्नत कर माल गोदामों की क्षमता में भी वृद्धि की है. व्यापारियों को आकर्षित करने के लिए माल गोदामों पर WCR ने सुविधाओं में खासा इजाफा किया है.
इससे परिक्षेत्र में अधिक से अधिक साइडिंगों से गुड्स का रेल यातायात से परिवहन किया जा सकेगा. मध्यप्र देश के साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश की भौगोलिक सीमा में आने वाले WCR में 2901 किलोमीटर की रेलवे लाइन है. रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 4 जुलाई 2002 को औपचारिक रूप से इस रेलवे की गठन की अधिसूचना जारी करने के साथ पश्चिम मध्य रेलवे, एक नए क्षेत्रीय रेलवे के रूप में अस्तित्व में आया. इस नए क्षेत्रीय रेलवे का मुख्यालय जबलपुर में है.