MP News: खरीद की आस में टूटे किसानों के अरमान, जबलपुर में हजारों क्विंटल धान बर्बाद
Jabalpur News: 36 वेयरहाउस की जांच के लिए 4-4 कर्मचारियों की टीम बनाई गई है, जिनके ऊपर 10 अधिकारियों की टीम सुपरविजन का काम कर रही है. जांच के बाद ही निर्धारित मानक की धान किसानों से खरीदी जा सकेगी.
Jabalpur Paddy Wasted: मध्य प्रदेश के जबलपुर में धान खरीदी में फर्जीवाड़े की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट बड़े स्कैम की ओर इशारा कर रही है. जबलपुर के नवागत कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी स्वीकार किया है कि किसानों को मोहरा बनाकर जबलपुर में घटिया क्वालिटी की धान उपार्जित करने की तैयारी थी. फिलहाल 36 संदिग्ध वेयर हाउस की जांच के लिए ढाई सौ अधिकारियों की टीम लगाई गई है. इस मामले में कई ज़िम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.वहीं,कहा कि रहा है कि कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का तबादला भी धान खरीदी मामले में गंभीर लापरवाही के कारण किया गया.
यहां बताते चले कि जबलपुर के किसानों को धान खरीदी के स्कैम के कारण दोहरी मार पड़ी है. शुक्रवार (5 जनवरी) को हुई बारिश से वेयरहाउस के बाहर रखी किसानों की हाजरों क्विंटल धान भीग गई.गड़बड़ी और खराब क्वालिटी की आशंका के चलते इन वेयरहाउस के बाहर रखी किसानों की धान सरकार द्वारा उपार्जित नही की जा रही थी. अब जबलपुर के नवागत कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना कह रहे हैं कि धान सुखाकर निर्धारित क्वालिटी किसानों से खरीदी की जाएगी.
नवागत @DM_Jabalpur दीपक सक्सेना ने माना कि धान खरीदी में जमकर हुई है गड़बड़ी.उन्होंने कहा कि जिले के ब्लैकलिस्टेड 36 वेयर हाउस की जांच हो रही है और किसानों की मानक धान की हर हाल में खरीदी जाएगी.@abplive@DrMohanYadav51 @prahladspatel @brajeshabpnews pic.twitter.com/6SXqjBow7p
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जांच के लिए की टीम बनाई गई है
इस मामले में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कहा कि कई वेयरहाउस वालों ने किसानों को मोहरा बनाकर मानक और अमानक धान एक साथ मिला दी और यह दबाव बनाया कि सरकार उसे उपार्जित कर ले. इस मामले में 36 वेयरहाउस की जांच के लिए चार-चार कर्मचारियों की टीम बनाई गई है. जिनके ऊपर 10 अधिकारियों की टीम सुपरविजन का काम कर रही है. जांच के बाद ही निर्धारित मानक की धान किसानों से खरीदी जा सकेगी.
सरकारी खरीद के इन्तेजार में जबलपुर जिले में भीगी किसानों की हजारों क्विंटल धान,36 वेयरहाउस में गड़बड़ी की ढाई सौ अधिकारी कर रहे है जांच@abplive @DrMohanYadav51 @prahladspatel @DM_Jabalpur @brajeshabpnews @Manish4all pic.twitter.com/kNyE1Nfpkr
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इस तरह गोलमाल को लीगल करने का था प्लान
दरअसल,1 दिसंबर 2023 से जिले में शुरू हुई धान खरीदी की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार किया गया. प्रारंभिक जांच में पता चला कि जिन वेयर हाउस का नाम लिस्ट नहीं था, उनमें भी खरीदी शुरू कराई गई और मार्कफेड से नियम विरुद्ध तरीके से बारदाने पहुंचाए गए. इन्हीं बारदानों में अमानक धान भरी गई और इस उम्मीद में सब शांत रहे कि जल्द ही वेयर हाउस को चुपचाप खरीदी केन्द्र बना दिया जाएगा. तब सब गोलमाल लीगल कर दिया जाएगा.
'दर-दर भटक रहे हैं जिले के किसान'
बताया जाता है कि वेयर हाउस में बिना अनुमति और अमानक धान की खरीदी को जमकर प्रचारित किया गया, जिससे यह मामला जिला प्रशासन के माध्यम से भोपाल तक पहुंच गया. कहते है कि खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस मामले को संज्ञान लिया, जिसके बाद पूरा माहौल ही बदल गया. इस मामले में पाटन क्षेत्र के बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र में कहा है कि जिले के किसान दर-दर भटक रहे हैं. जिले में कुल 121 केन्द्र बनने थे, लेकिन केवल 86 केंद्र बनाए गए. स्व सहायता समूह की दीदियों से भी उपार्जन का कार्य कराना था, लेकिन केवल दो कृपापात्र समूहों को ही अनुमति प्रदान की गई.
कुछ अन्य अधिकारी भी हैं सरकार के टार्गेट पर
जबलपुर में बिना अनुमति घटिया धान की खरीदी के मामले में पिछले दिनों सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. फूड कंट्रोलर तांडेकर और मार्कफेड के डीएम रोहित सिंह बघेल को सस्पेंड कर दिया गया था. वहीं, कहा जा रहा है कि वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के कुछ अन्य अधिकारी भी सरकार के टारगेट पर हैं. कहा जा रहा है कि जबलपुर जिले में सिकमीनामा के नाम पर भी जमकर धांधली की शिकायत भोपाल तक पहुंची थी. किसानों के पंजीयन में तमाम तरह की गड़बड़ियां पाई गई है जिसका खुलासा भोपाल से आई टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में किया है.