MP Crime News: जामताड़ा के साइबर अपराधियों को 15 हजार में बेचते थे बैंक खातों की जानकारी, जबलपुर में 7 गिरफ्तार
Jabalpur Cyber Fraud Case: जबलपुर पुलिस ने साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह साइबर अपराधियों को पैसों के लिए बैंक अकाउंट की जानकारी बेचते थे.
Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पुलिस साइबर अपराधियों को बैंक खाते बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह ने अब तक 150 से ज्यादा फर्जी बैंक खाते खुलवाए और झारखंड के जामताड़ा निवासी साइबर अपराधियों को बेचे, जो इस गिरोह के सरगना हैं. अभी तक इस गिरोह के 7 शातिर आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
यदि आप अपने बैंक खातों की जानकारी छोटे से लालच या अनजाने में किसी को भी दे देते हैं तो सावधान हो जाइए. आपके बैंक खाते के जरिए ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरोह किसी बड़े साइबर फ्रॉड की घटना को अंजाम दे सकता है. कुछ न करने के बावजूद आप इस अपराध के लिए दोषी बन सकते हैं. दरअसल, जबलपुर में ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो चंद रुपयों का लालच देकर भोले-भाले लोगो के बैंक खाते खुलवाते थे और फिर उनके खातों की जानकारी मय पासबुक और एटीएम कार्ड से ठगी करने वाले गिरोह को बेच देते थे.
पुलिस ने क्या कहा?
जबलपुर के एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि पांच से 15 हजार रुपयों के लालच में आम लोग इस शातिर गैंग के झांसे में आ जाते थे, जहां वह बैंक खाता खुलवाकर पासबुक-एटीएम उनके सुपुर्द कर देते थे. एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा करते हुए बताया कि अभी तक 7 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया, जब कुंडम निवासी एक युवक के साथ एक लाख रुपयों की ऑनलाइन ठगी हुई. पुलिस थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद जब राज्य की साइबर सेल के माध्यम से इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि साइबर फ्रॉड से उगाहे गए रुपए जबलपुर के तिलवारा निवासी आशीष कोरी के खाते में ट्रांसफर हुए थे. पुलिस ने आशीष कोरी की तलाश कर उसे हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की.
जांच में ऐसे हुआ खुलासा
पूछताछ में आशीष कोरी ने पुलिस को बताया कि उसने अपना बैंक खाता पीयूष खटीक को 5000 रुपये में बेचा था. पुलिस ने पीयूष को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने यह बैंक खाता आसिफ और इफ्तिखार को 10 हजार रुपये में बेच दिया था. इसके बाद पुलिस ने आसिफ और इफ्तिखार की तलाश करते हुए उन्हें हिरासत में लिया. आसिफ ने पुलिस को बताया कि आशीष कोरी के बैंक के खाते को उसने अपने साले अकबर अहमद और उसके दोस्त सलीम को 16 हजार रुपये में बेचा है, जो झारखंड के जामताड़ा में रहते हैं. इतना ही नहीं आसिफ और इफ्तिखार ने यह भी बताया कि अब तक वह करीब 150 बैंक खाता खुलवाकर उनके दस्तावेज अकबर अहमद को दे चुके हैं.
फर्जी खातों से किया करोड़ों का हेरफेर
पुलिस ने जब इस पूरे मामले की छानबीन की तो पता चला कि इन फर्जी बैंक खातों के जरिए अब तक करोड़ों रुपयों का लेनदेन हो चुका है. जबलपुर पुलिस ने आसिफ और इफ्तिखार के साथ 5 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने गिरोह के कब्जे से बैंक अकाउंट्स की पासबुक, एटीएम और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं. इस गिरोह के सदस्य इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद आसिफ, अजीत बेन, हेमंत पिल्लई, अरविंद यादव, आशीष कोरी और पीयूष खटीक को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी बैंक सहित कई अन्य बैंकों में लोगों के खाते खुलवाते थे. इसके बाद 5 से 15 हजार रुपये देकर उनके एटीएम और पासबुक अपन पास रख लेते थे. बहरहाल, पुलिस अब झारखंड के जामताड़ा निवासी अकबर अहमद और सलीम के साथ उनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है.
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