Jabalpur News: आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जबलपुर पुलिस ने गार्ड की हत्या कर एटीएम कैश वैन से 33 लाख रुपये लूटने वाले दो भाइयों को पकड़ने में पांच सौ से ज्यादा लोगों की टीम लगाई थी. पुलिस ने आरोपियाें को गिरफ्तार कर लिया है. 


बता दें कि पुलिस के आला अधिकारियों, मैदानी स्टाफ और साइबर एक्सपर्ट की 280 घंटों से ज्यादा की अथक मेहनत, 600 किमी के दायरे में हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरें और सौ से ज्यादा मोबाइल नम्बर के सर्विलांस की मदद से इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ. जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में फिल्मी अंदाज में हुई इस लूट की एक-एक परत को खोला.


जानें कैसे दिया गया था वारदात को अंजाम?


पकड़े गए आरोपी मनोज पाल और सुनील पाल सगे भाई हैं. वे जबलपुर के तिलहरी इलाके में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एटीएम की पिछले कई महीनों से लगातार रैकी कर रहे थे. मनोज और सुनील ने एटीएम में कैश भरने वाली प्राइवेट एजेंसी की वैन को लूटने की योजना को अंजाम देने के लिए 11 फरवरी शुक्रवार का दिन चुना, क्योंकि शनिवार और रविवार की छुट्टी होती है और शुक्रवार के दिन एटीएम में ज्यादा पैसे डाले जाते हैं. दोनों आरोपियों ने एटीएम कैश वैन के गार्ड राज बहादुर सिंह की हत्या करके 33 लाख रुपये लूट लिए. घटना को अंजाम देने के एक दिन बाद शनिवार की दोपहर वे बाइक से ही वाराणसी रवाना हो गए थे.


हजार से ज्यादा कैमरों के फुटेज खंगाले


पुलिस के लिए नकाबपोश अज्ञात आरोपियों का पता लगाना रेत में सुई खोजने जैसा था. एसपी बहुगुणा वारदात के समय छुट्टी पर शहर से बाहर गए थे. जैसे ही उन्हें वारदात की खबर लगी, वे छुट्टी कैंसल कर जबलपुर लौट आये और फिर शुरू हुआ मैराथन जांच अभियान. चूंकि आरोपी एटीएम के सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गए थे तो उन्हें पकड़ने की उम्मीद भी जगह-जगह लगे कैमरे ही थे. एसपी बहुगुणा ने बताया-"हमने जब कैमरे की जांच आगे बढ़ाई तो जबलपुर से लेकर कटनी, मैहर, रीवा होते हुए बनारस तक आरोपी ट्रेस होते गए. इस दौरान हजार से ज्यादा कैमरों के फुटेज देखे गए.


यूट्यूब का वीडियो देखकर की प्लानिंग


इस लूटकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस की टीम लगाई गई थी. एसपी बहुगुणा के मुताबिक बड़े अधिकारियों से लेकर नीचे सिपाही तक, 500 से ज्यादा स्टाफ इस जांच अभियान में शामिल थे. इस टीम ने हाईटेक तरीक़े से 280 घंटों की मैराथन जांच के बाद आरोपियों को बनारस से धर दबोचा.आरोपी दोनों भाई भले ही आदतन अपराधी नहीं हैं लेकिन उन्होंने यूट्यूब से देखकर लूट की योजना तैयार की थी. दोनों के पास एक ही मोबाइल था और वे घटना के दो महीने पहले से इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. घटना के बाद सिर्फ एक बार उनके मोबाइल में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते ही वेलकम मैसेज आया था. इस मैसेज ने भी बाद में पुलिस की काफी मदद की.


तीन लोगों को लगी गोली, गार्ड की मौत


यहां बता दें कि आरोपियों ने कुल 33 लाख रुपए लूटे थे, जिनमें से वे महज 2 हजार रुपए ही खर्च कर पाए थे.आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए कैश वैन के एक गार्ड और दो कैशियर को गोली मारी थी, जिसमें से एक गार्ड राजबहादुर की मौत हो गई थी.


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