Jabalpur: पैर छूकर लेते थे आशीर्वाद और फिर..., 'हीरालाल-पन्नालाल' के कारनामे सुन पुलिस भी हैरान
Jabalpur Fraud Case: जबलपुर पुलिस ने दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद कई वारदातों का खुलासा किया है. इन ठगों ने लोगों को ठगने के लिए अलग तरीका निकाला था. फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच जुटी है.
Jabalpur News Today: जबलपुर के ठग हीरालाल और पन्नालाल ने अमिताभ बच्चन की फिल्म नटवरलाल के किरदार नटवर को भी पीछे छोड़ दिया. फिलहाल दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके किस्से सुनकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गए.
रांझी थाना पुलिस ने बताया कि आसाराम झा नाम के एक व्यक्ति की ओर से शिकायत की गई थी कि दो लोगों ने उस समय उनके साथ ठगी की वारदात की, जब वे मजदूरों को मजदूरी देने के लिए जा रहे थे. दोनों बदमाशों ने आसाराम को 40 हजार की चपत लगा दी.
ठगों के नाम से पुलिस को मिला सुराग
पुलिस ने शिकायतकर्ता से जब पूरी जानकारी ली तो पता चला कि दोनों ही ठग आपस में बातचीत करते हुए एक दूसरे का नाम हीरालाल और पन्नालाल पुकार रहे थे. इसके बाद पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कुछ सुराग हाथ लगे.
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे और अन्य साक्ष्य के आधार पर हीरालाल और पन्नालाल को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ के दौरान ठगी के कई वारदातों का खुलासा हुआ.
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान एक दिलचस्प बात यह भी बताई कि उन्होंने कई पुलिस वालों की जेब भी काटी है. आरोपियों के मुताबिक, 100 से ज्यादा वारदातों को आरोपी अंजाम दे चुके हैं.
हीरालाल-पन्नालाल निकले अरुण और मुन्ना
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दोनों आरोपियों हीरालाल-पन्नालाल को ढूंढ निकाला. पूछताझ के बाद दोनों ठगों के असली नाम का खुलासा हुआ. ठगों में से एक का नाम अरुण जाट और दूसरे का नाम मुन्ना शकील के रूप में सामने आया है.
दोनों की पहचान 6 साल पहले जेल में हुई थी. इसके बाद दोनों ने जबलपुर थाना क्षेत्र के कई इलाकों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया, वैसे तो दोनों ही पुराने अपराधी है. वे साल 2012 से अवैध हथियार सहित अन्य गैरकानूनी काम करते आ रहे हैं.
वारदात का निकाला नायाब तरीका
आरोपीय अरुण और मुन्ना शकील वारदात करने का एक नायाब तरीका निकाला था जो सुनने और देखने में बड़ा ही संवेदनशील और हास्यासपद लगता है. दोनों ही ठग जैसे किसी मालदार बुजुर्ग को देखते थे, वैसे ही उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद देने को कहते थे.
दोनों आरोपी अपने शिकार से कहते थे कि वे बेहद परेशान हैं और उन्हें उनके आशीर्वाद की जरूरत है. जब भावनाओं में बहकर बुजुर्ग आशीर्वाद देते थे तो वे बातों में उलझा कर उनका माल उड़ा देते थे.