Jabalpur: वेयर हाउस में हो रहा था सरकारी गेंहू में हेरफेर, जानें कैसे पकड़ा गया लाखों का घोटाला
Jabalpur News: जबलपुर के एक खरीदी केंद्र को 70 हजार बारदाने उपलब्ध कराए गए थे. 50 क्विंटल प्रति बारदाने के हिसाब से 35 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा जा सकता है, लेकिन रिपोर्ट में 36 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी बताई गई.
MP News: जबलपुर.मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में किसानों से समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदी के मामले में बड़ा घोटाला पकड़ा गया है.यहां गेंहू खरीदी में हेराफेरी करने तथा बोरियों में कम मात्रा में गेहूं भरने के मामले में हल एग्री प्रोड्यूसर कम्पनी के संचालक और बढैयाखेड़ा चरगंवा स्थित मयंक वेयर हाउस के मालिक नरेंद्र तोमर तथा कम्प्यूटर आपरेटर विवेक राजपूत के विरुद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आभा शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई है.
प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक रबी उपार्जन वर्ष 2023-24 के अंतर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी के लिये मयंक वेयर हाउस में गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्र बनाया गया था.प्रशासन को इस खरीदी केंद्र पर उपार्जन में अनियमितता और गड़बड़ी की शिकायत मिली थी.कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने मध्यप्रेदश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंधक एस आर निमोदा, सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आभा शर्मा को इस वेयर हाउस के आकस्मिक जाँच के निर्देश दिये गये थे.
ऐसे पकड़ा गया हेरफेर
इन अधिकारियों द्वारा 20 मई को की गई सयुंक्त जाँच में पाया कि मयंक वेयर हाउस स्थित इस खरीदी केंद्र को 70 हजार बारदाने उपार्जन हेतु उपलब्ध कराये गये थे.इन बारदानों में 50 क्विंटल प्रति बारदाने के हिसाब से कुल 35 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी ही की जा सकती है, जबकि कम्प्यूटर से बनाई रिपोर्ट में 36 हजार 200.50 क्विंटल गेहूं की खरीदी प्रदर्शित की गई थी.जांच टीम ने खरीदी केंद्र में 1 हजार 200.50 क्विंटल गेहूं की फर्जी खरीद पकड़ी.
जांच दल ने शिकायत की पुष्टि के लिये मौके पर रैंडम आधार पर 50 बोरियों की तौल भी कराई.बारदाने के 580 ग्राम वजन सहित निर्धारित 25.29 क्विंटल के स्थान पर इन बोरियों में 24.69 क्विंटल गेहूं ही भरा पाया गया.इस प्रकार रैंडम आधार पर 50 बोरियों में भरे गेहूं की तुलाई करने पर ही 0.5934 क्विंटल गेहूं की मात्रा कम पाई गई.तौल में मिली गड़बड़ी के हिसाब से मयंक वेयर हाउस के वास्तविक स्टॉक में ही 847.09 क्विंटल गेहूं की कमी मिली.
टैग और कोड भी गायब
इसके अलावा जांच दल को समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदे गये गेहूं की बोरियों में कोड और किसानों के नाम के टेग भी नहीं लगे मिले,जो उपार्जन नियमों और अनुबंध की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है.उपार्जन नियमों के मुताबिक प्रत्येक बोरी में कोड और किसानों के नाम का टेग लगाया जाना अनिवार्य है.समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में की गई हेराफेरी के इस मामले में हल एग्री प्रोड्यूसर कम्पनी के संचालक और मयंक वेयर हाउस के मालिक नरेंद्र तोमर तथा इस गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्र के कम्प्यूटर ऑपरेटर विवेक राजपूत के विरुद्ध धारा 420 के तहत चरगंवा थाना में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया.
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