Jabalpur News: जबलपुर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, गोल्डन नंबर देने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले शातिर पकड़े गए
Jabalpur News: जबलपुर पुलिस ने ऐसे गैंग को पकड़ा है जो मोबाइल सिम के गोल्डन नंबर बेचने का झांसा देकर 5 सौ से ज्यादा लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं.
Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर पुलिस ने ऐसे शातिर जालसाजों को दबोचा है,जो मोबाइल सिम के गोल्डन नंबर बेचने का झांसा देकर 5 सौ से ज्यादा लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं. पटना (बिहार) का रहने वाले गिरोह के मास्टर माइंड रवि मिश्र और जबलपुर निवासी शुभभ उर्फ शिवम राय की दोस्ती मुम्बई में फिल्म सिटी में काम करने के दौरान हुई थी. जबलपुर में अचार,पापड़ और बड़ी का काम करने वाले गलगला निवासी अशोक तीरथानी उनके संपर्क में आया और फिर शुरू हुआ जालसाजी का कारोबार.
कर चुके थे करोड़ों की ठगी
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि ठगी का नेटवर्क मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र, केरल और तामिलनाडू तक फैला है, उन्होंने बताया कि सिर्फ जबलपुर में खोले गए बैंक खातों में 3 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन मिला है. यह खाते ठगी की रकम ट्रांसफर करने के काम आते थे. बताया जाता है कि इस धंधे में कुछ बैंककर्मियों की संलिप्तता भी सामने आ रही है.
पहले से दर्ज थे कई मुकदमे
सपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि गोरखपुर थाने में गुप्तेश्वर निवासी हरजिंदर सिंह ने 15 मार्च को गोल्डन नंबर की सीरीज की सिम देने के नाम पर 41 हजार 300 रुपए ठगने की एफआईआर दर्ज कराई थी. गोरखपुर पुलिस,सायबर सेल व क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो ट्रांजेक्शन वाले खाते से गिरोह का हुआ भंडाफोड़ हो गया.
पुलिस को पता चला कि ठगी की रकम जिस नाम के खाते में जमा हुई वह गलगला मुमताज बिल्डिंग के पास रहने वाले अशोक तीरथानी का है. उसे दबोचने के बाद उसने अपने दोस्त दिलीप कुकरेजा और मधुवन कॉलोनी उखरी रोड निवासी शुभम उर्फ शिवम राय का नाम लिया. दोनों ने कई बैंकों में शुभम के कहने पर खाते खोले.पुलिस ने इन खातों की गहराई से छानबीन की तो पूरे गिरोह का खुलासा हो गया. इस गिरोह ने प्रति माह खातेदारों को घर बैठे 1 हजार रुपए देने का लालच दिया था.
आरोपी शुभम राय ने पूछताछ में बताया कि मुम्बई में रहने वाले रवि मिश्र और उसके अन्य साथी राज के कहने पर उसने शहर में कई लोगों के नाम पर अलग-अलग बैंक में खाते खुलवाए हैं. रवि और शुभम गोल्डन सिम बेचने का झांसा देकर लोगों को ठगते हैं और उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए खाते में रकम ट्रांसफर कराते हैं. आधी रकम शुभम राय खुद रखता और आधी रकम रवि मिश्र को ट्रांसफर कर देता था. शुभम राय अब तक 52 खातों में 3 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन करा चुका है.
पुलिस ने शुभम राय के घर से 52 बैंक खाते, 8 मोबाइल, 7 एटीएम डेबिट कार्ड, 1 पासबुक, दो चेकबुक, दो आधार कार्ड, 1 पेनकार्ड और एक नई स्कूटी जब्त की है. पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश करते हुए शुभम राय को रिमांड पर लिया है. गिरोह के मास्टर माइंड रवि मिश्र की तलाश की जा रही है. शुभम से पूछताछ करने मुम्बई क्राइम ब्रांच की टीम भी जबलपुर पहुंची थी. शुभम को रिमांड पर मुम्बई पुलिस बाद में ले जाएगी.
जालसाजों को पकड़ने में गोरखपुर सीएसपी आलोक शर्मा,डीएसपी क्राइम सुशील चौहान,प्रभारी टीआई बृजभान सिंह, शेष नारायण दुबे, आरबी शर्मा, कौशल किशोर समाधिया, क्राइम ब्रांच के एसआई प्रमोद पांडे, राजवीर सिंह सहित राम गोपाल, राममिलन, मुकेश सिंह, महिला आरक्षक किशोरी यादव, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक राजेश शर्मा, नितिन जोशी, कृष्ण चंद तिवारी, अरविंद सूर्यवंशी, चंद्रिका, अभिदीप भट्टाचार्य, एवं गोरखपुर थाने के रत्नेश राय, मोहित राजपूत की सराहनीय भूमिका रही.
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