Jabalpur News: इस दुनिया में लोगों की शक्ल मिल सकती है, लेकिन हाथों की लकीरें कभी एक जैसी नहीं हो सकतीं. यही लकीरें इंसान को आइडेंटिफाई करने में मदद करती हैं और अब इन्हीं लकीरों के जरिए पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर रही है. जबलपुर के मेखला रिसॉर्ट में गर्लफ्रेंड की हत्या करने वाले शातिर अपराधी की असली पहचान भी हाथ की लकीरों से ही की गई.


जबलपुर के आईजी उमेश जोगा के मुताबिक, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पुलिस ने देशभर के अपराधियों का एक ऐसा डाटा कलेक्ट कर लिया है, जिसके जरिए अब कोई भी अपराधी पुलिस की निगाहों से बच नहीं सकता. नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम यानी नेफिस (NAFIS) पुलिस के लिए वरदान और अपराधियों के लिए काल बन गया है.


नेफिस सॉफ्टवेयर की मदद से पकड़ा गया मेखला रिसॉर्ट केस का आरोपी
कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, कानून की निगाहों से नहीं बच सकता. जबलपुर में मेखला रिसॉर्ट में अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या करके फरार आरोपी अभिजीत उर्फ हेमंत भड़ाने की असली पहचान पुलिस ने इसी नेफिस सॉफ्टवेयर की मदद से की थी. पुलिस ने जब घटनास्थल में मिले फिंगरप्रिंट्स को नेफिस सॉफ्टवेयर में डाला, तो पता चला कि जबलपुर के रिसॉर्ट में अभिजीत पाटीदार की आईडी देकर रुकने वाला हत्यारा दरअसल नासिक का शातिर वाहन चोर और ठग हेमंत भड़ाने है.


एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा कहते हैं कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए पुलिस अब किसी भी शख्स की पहचान, उसके क्रिमिनल बैकग्राउंड के आधार पर आसानी से कर सकती है. जबलपुर पुलिस ने हाल ही में सॉफ्टवेयर के जरिए कई अनसुलझे मामलों को आसानी से सुलझा लिया. इस सॉफ्टवेयर की मदद से एक क्लिक करने पर अपराधी की पूरी कुंडली खुल जाती है.


नेफिस सॉफ्टवेयर से सफलता पाने वाला जबलपुर पहला जोन
नेफिस सॉफ्टवेयर में वैसे तो पूरे देश के अपराधियों का रिकॉर्ड दर्ज है, लेकिन जबलपुर जोन के छोटे-बड़े करीब एक लाख अपराधियों के फिंगरप्रिंट के साथ पूरा डाटा अपलोड किया जा चुका है. इनमें जबलपुर के करीब 30 हजार अपराधी भी शामिल हैं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पूरे देश में जबलपुर ऐसा पहला जोन बन गया है, जिसने प्रथम चरण के परीक्षण में ही नेफिस के माध्यम से रिसॉर्ट मर्डर केस सहित एटीएम और ज्वेलरी शॉप में करोड़ों की लूट के अज्ञात आरोपियों वाले मामलों को हल कर लिया.


कुल मिलाकर कहा जाए तो अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो, अब वह पुलिस की पकड़ से बच नहीं पाएगा. एक बार अपराध को अंजाम देने के बाद उसकी पूरी कुंडली पुलिस के पास होगी. इसके बाद वह देश में किसी भी कोने में चला जाए, अगर उसने पहचान छुपाकर अपराध को अंजाम दिया, तो भी पकड़ा जाएगा. 


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