Jabalpur News: पड़ोसी जिले नरसिंहपुर में मजदूरी कर गुजारा कर रही महिला को बेटे के इलाज का 1 लाख 20 हजार बिल आया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. उसके लिए इतना भारी-भरकम बिल चुकाना असंभव था. किसी ने उसे जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से मिलने की सलाह दी और उस सलाह ने उसके सिर का पूरा बोझ उतार दिया. कलेक्टर की पहल पर निजी अस्पताल ने 1 लाख 20 हजार का बिल सिर्फ 20 हजार रुपये कर दिया और इसमें भी दस हजार रुपये की मदद कलेक्टर ने की. 


दरअसल मामला दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने तक सीमित नहीं था. इस मामले में कलेक्टर शर्मा ने संवेदनशीलता दिखाते हुये  इलाज के 1 लाख 20 हजार रुपये की बिल में से 1 लाख रुपये की बड़ी राशि अस्पताल प्रबंधन से माफ भी करवाई है. नरसिंहपुर निवासी सुशीला जाटव के 26 वर्षीय पुत्र मुन्नालाल को सड़क दुर्घटना में घायल होने पर इलाज के लिये जबलपुर के गोलबाजार स्थित सुधा नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. 


मुन्नालाल के स्वस्थ होने के बाद इलाज का 1 लाख 20 हजार रुपये की बिल राशि सुशीला को थमाई गई. महिला पति मालगुजार जाटव के साथ मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करती है. सुशीला खराब आर्थिक स्थिति की वजह से अस्पताल की भारी भरकम राशि देने में असमर्थ थी. इसके चलते सुशीला जाटव ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से परिवार की हैसियत का हवाला देकर मदद की गुहार लगाई.


कलेक्टर ने फौरन सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया को अस्पताल प्रबंधन से चर्चा कर राहत दिलाने के निर्देश दिये. बिल की बची 20 हजार रुपये की राशि में से भी सुशीला के पास अस्पताल को चुकाने केवल 10 हजार रुपये ही थे. ऐसे में कलेक्टर शर्मा ने रेडक्रॉस सोसायटी की निधि से स्वीकृत सहायता राशि का चेक सुशीला जाटव को सौंपा. सुशीला ने अस्पताल का बिल माफ कराने और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये कलेक्टर शर्मा का दिल से आभार जताते हुये संवेदनशीलता की तारीफ भी की है.


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