Madhya Pradesh Jabalpur Court: क्या किसी को मुंडन के लिए भी कोर्ट (Court) की अनुमति की जरूरत पड़ सकती है? एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) से सामने आया है. जिला अदालत ने एक प्रकरण में जेल में बंद बंदी को हिंदू परंपरा के अनुसार मुंडन कराने की अनुमति प्रदान की. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ज्योति सिंह तेकाम (Jyoti Singh Tekam) की अदालत ने इस संबंध में जेल अधीक्षक जबलपुर को मेमो जारी किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हिंदू परंपरा की मान्यता को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत आवेदन पत्र स्वीकार कर मुंडन कराए जाने की अनुमति प्रदान की जाती है. इस संबंध में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया जाता है कि जेल परिसर में अभियुक्त महेश पटले का मुंडन करवा कर न्यायालय को सूचित किया जाए.
जेल में है नाई की सुविधा
बता दें कि, मामले पर सुनवाई के दौरान आवेदक महेश पटले की ओर से अधिवक्ता ओमशंकर विनय पांडे और अंचन पांडे ने पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि आवेदक की पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में उसे आत्महत्या के लिए विवश करने सहित अन्य धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है. आवेदक की पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और वो जेल में है. हिंदू परंपरा कहती है कि बाल कटवाने के बाद ही शुद्धि होगी. जेल अथॉरिटी के पास जेल में नाई की सुविधा है और वो नाई से मुंडन करवाना चाहता है.
पूर्व मंत्री का दामाद है आरोपी
ये मामला पूर्व मंत्री और जबलपुर के वरिष्ठ बीजेपी नेता मोती कश्यप की दिवंगत पुत्री से जुड़ा है. आवेदक महेश पटले उनका दामाद है, जिस पर कश्यप की पुत्री को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगा है.
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