Jabalpur News: कोरोना के इलाज में ज्यादा पैसा वसूलने वाले अस्पतालों की खैर नहीं, जानिए क्या-क्या दी गईं हिदायतें
कलेक्टर ने कहा है कि अनाप-शनाप बिल वसूलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. किसी प्राइवेट अस्पताल ने बकाया बिल के लिए मरीज को जबर्दस्ती रोका या उसके परिजनों के साथ अमानवीयता की तो उसके खिलाफ करवाई की जाएगी.
Jabalpur News: ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए जबलपुर के प्राइवेट हेल्थ सेक्टर को भी मुस्तैद रहने को कहा गया है. जिला प्रशासन द्वारा यहां के निजी अस्पतालों को ओमिक्रोन के संभावित मरीजों को उचित दर पर बेहतर उपचार देने के लिए कहा गया है. कलेक्टर जबलपुर कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि अनाप-शनाप बिल वसूलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. किसी प्राइवेट अस्पताल ने बकाया बिल के लिए मरीज को जबर्दस्ती रोका या उसके परिजनों के साथ अमानवीयता की तो उसके खिलाफ भी करवाई की जाएगी. कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की जा रही तैयारियों के तहत कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने शहर में स्थित निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक लेकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं.
पहले की दरों पर होगा इलाज
कलेक्टर ने बैठक में बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के उपचार और जांच के लिये पूर्व में निर्धारित दरें वर्तमान में भी लागू होंगी. सभी निजी अस्पतालों को दरों की इस सूची को सूचना पटल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना होगा और यह सुनिश्चित भी करना होगा कि उनके यहां भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों से अनाप-शनाप शुल्क न वसूला जाये. इस तरह की मिलने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जायेगा और सबंधित अस्पताल पर कठोर कार्रवाई की जायेगी .कलेक्टर शर्मा ने बिल की बकाया राशि वसूलने के लिये मरीज या उसके परिजनों के साथ अमानवीयता बरते जाने की शिकायतों पर भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी निजी अस्पताल संचालकों को दी.
15 दिन के भीतर लगवाएं ऑक्सीजन प्लांट
कलेक्टर ने कहा कि पूर्व की तुलना में हमारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी बेहतर हुआ है, लेकिन कोरोना के नये वैरियंट ओमिक्रोन की को देखते हुए सतर्कता बरतने की जरूरत है. शर्मा ने बताया कि जबलपुर में फिलहाल ओमिक्रोन का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. कलेक्टर ने बैठक में निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के उपचार के लिये उपलब्ध आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता का ब्यौरा लिया.उन्होंने कहा कि 50 से अधिक बिस्तरों वाले ऐसे सभी निजी अस्पताल अपने यहां आक्सीजन टैंक या आक्सीजन सेपरेशन प्लांट पंद्रह दिन के भीतर लगवा लें जहां ये व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है. शर्मा ने कहा कि दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय निजी अस्पतालों को खुद अपनी आवश्यकता के अनुरूप ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी करनी होगी.
अस्पतालों को दी हिदायत
कलेक्टर ने निजी अस्पताल संचालकों को उनके यहां भर्ती होने वाले प्रत्येक कोरोना मरीज की सार्थक एप पर एंट्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. उन्होंने अस्पताल संचालकों से कहा कि कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति प्राप्त करने के लिये उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी सहित अपने आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को दे दें, ताकि समय रहते निरीक्षण सहित सभी औपचारिकतायें पूरी की जा सकें . उन्होंने कहा कि अस्पताल संचालक यह भी सुनिश्चित कर लें कि उनके अस्पताल के सभी स्टॉफ को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग जाये .मास्क और वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट देखे वगैर किसी को भी अस्पताल परिसर में प्रवेश न देने की हिदायत भी अस्पताल संचालकों को दी.
शर्मा ने बैठक में मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि निजी पैथालॉजी लैब से कोविड सेम्पलिंग के लिये तय गाइलाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करायें. अवैध रूप से सैम्पल लेने वाले पैथालॉजी लैब के कलेक्शन सेंटर्स पर तुरन्त कार्रवाई की जाये और उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जाये .कलेक्टर ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज के लिये लोगों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिये.
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