Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिला प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा माफिया से गठजोड़ पर कड़ा प्रहार किया है. प्रशासन की जांच से निजी स्कूलों की अवैध फीस वसूली तथा पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों से सांठ-गांठके हर रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं. अब जबलपुर के डीएम दीपक सक्सेना ने एक और खुलासा किया है.
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि किताबों में गड़बड़ी से जुड़ा एक ऐसा मामला पकड़ा गया है, जिसमें प्रकाशक एक है, किताब का कंटेंट और लेखक भी एक है लेकिन कीमत अलग-अलग हैं. इससे अभिभावकों को किस प्रकार लूटा जा रहा है, यह पता चलता है?
कमीशनखोरी की वजह से अलग हैं दाम
जिला प्रशासन की विज्ञप्ति में बताया गया कि फ्रेंड्स पब्लिकेशन इंडिया, आगरा द्वारा प्रकाशित इन किताबों को 'सुमेधा' और 'आमोदनी' नाम दिया गया है. दोनों किताबों का लेखन और संकलन वाराणसी के डॉ. राम अवतार शर्मा द्वारा किया गया है. दोनों किताबों में खास बात है कि इनके हर पेज पर कंटेंट एक जैसा है. जो कंटेंट 'सुमेधा' के पृष्ठ क्रमांक 13 पर है, वही 'आमोदनी' के पृष्ठ क्रमांक 13 पर भी मिलेगा. कुल मिलाकर 133 पन्नों की दोनों किताबों के हर पृष्ठ पर एक जैसे कंटेंट देखने को मिले लेकिन कमीशनखोरी की वजह से इन किताबों के दाम अलग-अलग रखे गए हैं.
'सुमेधा' का विक्रय मूल्य 345 रुपये और 'आमोदनी' 265 रुपये में बेची जा रही है. जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों द्वारा प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं से सांठगांठ कर अभिभावकों से अवैध वसूली के इस तरह के कई मामलों को भी जांच के दायरे में शामिल किया है.
स्कूल फीस जबरन बढ़ाने पर भी एक्शन
उधर, स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव ने बुधवार (29 मई) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जबलपुर में निजी स्कूलों पर की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली. वीसी में शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी भोपाल से जुड़े थे. इस दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पूरा प्रेजेंटेशन दिया और बस्तों के वजन बढ़ाने से लेकर किन हथकंडों को अपनाकर फीस बढ़ाई जाती है उसकी पूरी जानकारी दी.
स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने वीसी के माध्यम से कलेक्टर से प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली, यूनिफॉर्म और शैक्षणिक सामग्री दुकान विशेष से खरीदने के संबंध में जानकारी ली. वीसी में अपर कलेक्टर मिशा सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी भी मौजूद थे.
प्राइवेट स्कूल और शिक्षा माफिया की मिलीभगत की खुलेगी पोल
इस दौरान कलेक्टर सक्सेना ने प्राइवेट स्कूलों की जांच और विश्लेषण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. कलेक्टर ने बताया कि स्कूल बैग का वजन बढ़ाकर बिना जरूरत के नई किताबों को सिलेबस में शामिल करना, निम्न स्तरीय सस्ती फर्जी और डुप्लीकेट आईएसबीएन पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से कमीशनखोरी, फीस की अनुचित वृद्धि, किताबें, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म विक्रेता विशेष से मनमाने दामों पर खरीद करवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव के साथ कमीशनखोरी के अन्य हथकंडों के बारे में विस्तार से बताया.
प्रशासनिक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार जबलपुर में हुई कार्रवाई को नजीर बनाते हुए पूरे मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों और शिक्षा माफिया के गठजोड़ को तोड़ने के लिए बड़ी कार्रवाई का मन बना चुकी. जबलपुर हुई कार्यवाही का अध्ययन करते हुए सभी जिलों के लिए एक गाइडलाइन बनाने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग को दिए गए हैं.
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