MP News: मध्य प्रदेश के एक आईएएस अफसर ने निजी स्कूलों की लूट पर अंकुश लगाने के लिए अभियान छेड़ रखा है. प्राइवेट स्कूलों की शिकायतों पर खुली सुनवाई करते हुए जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना ने साफ कहा कि प्राइवेट स्कूल सही तरीके से स्कूल चलाएं.
इसी दौरान यह खुलासा भी हुआ कि एक स्कूल तो पिज़्ज़ा पार्टी के नाम से हर छात्र से 5 हजार रुपये वसूल करता है. कलेक्टर ने कई स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए कि बढ़ी हुई फीस अभिभावकों तुरंत वापस करें अन्यथा उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा.
स्कूल प्रबंधन को दी चेतावनी
दरअसल, जबलपुर कलेक्टर की खुली सुनवाई में निजी स्कूलों की लूट की लगातार पोल खुल रही है. बुधवार (8 मई) को खुली सुनवाई के दौरान कई अभिभावक स्कूलों की अवैध वसूली और मनमानी सुनाते हुए रो पड़े. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी की सुनवाई की और स्कूल प्रबंधन को चेतावनी देते हुये कहा कि स्कूल प्रबंधन अपनी कार्य प्रणाली सुधारें अन्यथा उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा.
स्कूल से संबंधित शिकायतों की सुनवाई
कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में खुली सुनवाई में अभिभावकों की उपस्थिति कम रही लेकिन उनके द्वारा की गई शिकायतों की संख्या सैकड़ों में थी. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने क्राइस्ट चर्च स्कूल, ज्ञान गंगा ऑर्किड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वर्ल्ड कटंगा और तिलवाराघाट, सत्य प्रकाश स्कूल पोलीपाथर, अजय सत्य प्रकाश स्कूल, चैतन्य टेक्नो स्कूल, नालंदा स्कूल से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की. कलेक्टर ने सभी स्कूलों के प्रबंधक व प्राचार्य से शिकायत के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी चाही.
उन्होंने गोल मोल जवाब देकर गुमराह करने की कोशिश की. उनका जवाब सुनकर कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिये हुये कहा कि स्कूल प्रबंधन अपनी कार्य प्रणाली सुधारे अन्यथा उनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा.
अभिभावकों द्वारा की गई शिकायत
शिकायतों में मुख्य रूप से बिना किसी पूर्व सूचना के अप्रत्याशित रूप से फीस वृद्धि, एक ही स्कूल में एक ही कक्षा की अलग-अलग फीस, किसी नियत स्थल से ड्रेस व शैक्षणिक सामग्री मिलने, टीसी प्रदान नहीं करने और कोचिंग लेने के लिये प्रेरित करना आदि बहुत सी शिकायत अभिभावकों द्वारा की गई. ज्ञान गंगा आर्चिड इंटरनेशनल स्कूल द्वारा फीस, किताब, ड्रेस आदि सब कुछ बैंगलोर द्वारा निर्देशित किये जाने पर स्थानीय स्तर पर अभिभावकों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.
स्कूल के प्रबंधन द्वारा इस विषय पर तर्कसंगत उत्तर प्रस्तुत नहीं करने पर कलेक्टर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुये आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये. इसी स्कूल के संबंध में एक अभिभावक ने बताया कि टीसी निकालने के 50 हजार रुपये देने के लिये तैयार हैं परन्तु टीसी नहीं दी जा रही है और लगातार फीस वृद्धि की जा रही है. एक ही कक्षा में अलग-अलग फीस स्ट्रक्चर है. बच्चों के आईडी कार्ड के साथ माता-पिता का आईडी कार्ड के भी 450 रुपये फीस ली जा रही है.
ली जाती है मनमानी फीस
स्कूलों में जांच के दौरान भी कई खामियां पाई गई, जिसमें स्कूल के नाम परिवर्तन के लिये अनुमति, डाइस कोर्ड व नवीन मान्यता आदि के नहीं होने पर वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गए. अभिभावकों ने बताया कि ज्ञान गंगा इंटरनेशनल स्कूल में नर्सरी के बच्चों के ड्रेस भी 13-13 हजार रुपये में बैंगलोर से आते है. मनमानी फीस के साथ पिज्जा पार्टी के नाम से पांच-पांच हजार रुपया अलग से फीस ली जाती है. हर गतिविधि बैंगलोर की परिस्थिति के अनुसार ही संचालित किया जाता है.
आवश्यक कार्रवाई करने के दिए गए निर्देश
इसी प्रकार क्राईस्टचर्च स्कूल में भी बिना पूर्व सूचना के फीस वृद्धि जैसे कई शिकायतों की सुनवाई की गई. संबंधित संस्था के प्रतिनिधि ने तो आईएसबीएन के संबंध में भी जानकारी नहीं होने की बात कही. स्कूल में अधिकांश पुस्तकें बी कैटेगरी तथा बिना आईएसबीएन नंबर के संचालित होने पर संबंधित अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए.
कुछ इस तरह की शिकायतें
ज्ञानगंगा आर्किड स्कूल के प्रबंधकों ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि फीस बढ़ाने के लिए डीईओ से अनुमति लेनी होती है. स्कूल के सम्बंध में सबसे चौंकाने वाला आरोप यह लगा कि इसे हेड आफिस बेंगलुरु के अनुसार चलाया जाता है. वहां जैसा मौसम होगा उसके अनुसार ड्रेस होगी.
हर साल बढ़ाई जाती है 20 से 25 प्रतिशत फीस
क्राइस्ट चर्च स्कूल सालीवाड़ा के एक अभिभावक ने बताया कि उनकी बच्ची वहां पढ़ती है. हर साल 20 से 25 प्रतिशत फीस बढ़ाई जाती है. चैतन्य टेक्नो धनवंतरी नगर स्कूल की दर्जनों शिकायत की गई लेकिन पेरेंट्स नहीं आए. शिकायत के अनुसार स्कूल ने 33 फीसदी फीस बढ़ा दी जिससे करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूल किए गए हैं. सत्य प्रकाश स्कूल पोलीपाथर के सम्बंध में बताया गया कि यहां भी अधिक वसूली की गई जिससे करीब 3.50 करोड़ रुपए 5 सालों में छात्रों से लिए गए हैं.
शिकायत की गई कि स्कूल द्वारा निर्धारित बुक स्टॉल से बुक खरीदने कहा जाता है. बुक लिस्ट नोटिस बोर्ड पर लगाते हैं और दुकान का नाम भी दिया जाता है, जहां से किताबें खरीदने बाध्य किया जाता है. इसके अलावा 225 रुपए की डायरी दी जाती है, जिसकी बाजार में कीमत करीब 30 रुपए होती है.
इसी तरह लिटिल वर्ल्ड स्कूल कटंगा पर 5 सालों में 12 करोड़ रुपयों से अधिक की फीस वसूली का आरोप लगाया गया. स्कूल प्रबंधन का कहना था कि कोविड में ट्यूशन फीस नहीं ली थी जिसे बाद में लिया गया. इसके साथ ही वहाँ के एक रिटायर्ड शिक्षक ने भी कई प्रकार के आरोप लगाए जिस पर कलेक्टर ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.
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