MP News: जबलपुर में रेप के आरोपी को हाई कोर्ट ने किया दोषमुक्त, पीड़िता के साथ बिता रहा सुखी वैवाहिक जीवन
Jabalpur News: हाई कोर्ट ने आदेश में कहा कि पीड़िता नहीं चाहती कि पति पर कार्रवाई जारी रहे. दोनों की संतान भी है. तथ्यों को देखते हुए आपराधिक कार्रवाई जारी रखना कानून के दुरुपयोग के समान होगा.
Jabalpur High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रेप (Rape) के एक मामले में संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए आरोपी को दोषमुक्त (Blame Free) कर दिया है. हाई कोर्ट (High Court) ने अपने अहम आदेश में कहा है कि जब रेप पीड़िता और आरोपी ने शादी कर ली है और दोनों सुखी वैवाहिक जीवन जीना चाहते हैं, तब आरोपी के खिलाफ रेप का मामला जारी रखना औचित्यहीन हो जाता है. दोनों के शादी करने और दंपति के भविष्य को देखते हुए हाई कोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है.
कोर्ट ने दिया यह आदेश
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पीड़िता खुद नहीं चाहती कि उसके पति के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए. दोनों की एक संतान भी है. कोर्ट ने कहा कि प्रकरण के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए आपराधिक कार्रवाई जारी रखना कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग के समान होगा. इस मत के साथ जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की एकल पीठ ने आवेदक (आरोपी) अमित केवट के खिलाफ जबलपुर के अधारताल पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में लंबित कार्रवाई को निरस्त करते हुए उसे दुष्कर्म के आरोप से दोषमुक्त कर दिया.
जिला अदालत में चल रहा था मामला
यहां बता दे कि पीड़िता ने आवेदक अमित केवट के खिलाफ 29 जून 2021 को अधारताल पुलिस थाने में दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाई थी. मामले का ट्रायल जिला अदालत, जबलपुर में चल रहा था. इधर, अमित केवट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसके विरुद्ध दर्ज एफआईआर और ट्रायल को निरस्त करने की मांग की. अमित केवट की ओर से अधिवक्ता ओम शंकर पांडे व अंचन पांडे ने दलील दी कि पीड़िता और आवेदक ने शादी कर ली है और दोनों अपनी खुशी से जीवन भर साथ रहना चाहते हैं.
पीड़िता ने दिया यह बयान
इस मामले में पूर्व में हाई कोर्ट के निर्देश पर आवेदक और पीड़िता ने रजिस्ट्रार जुडीशियल के समक्ष हाजिर होकर बयान दर्ज कराए. रजिस्ट्रार ने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में प्रस्तुत की. रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों एक ही छत के नीचे रहते हैं और हमेशा जीवन साथी के रूप में रहने के इच्छुक हैं. पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं चाहती है. पीड़िता ने साफ कहा है कि उसने किसी भी दबाव, प्रभाव या डर में यह निर्णय नहीं लिया है.
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