Jabalpur Ring Road: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े फ्लाईओवर के बाद अब सबसे बड़ी रिंग रोड की सौगात भी जबलपुर (Jabalpur) को मिल रही है. साढ़े सात किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर तो जल्द ही बन कर तैयार होने वाला है और इसी के साथ अब रिंग रोड के भी एक हिस्से का काम शुरू करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. 110 किलोमीटर लंबी इस रिंग रोड को केंद्र सरकार की भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) में शामिल किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि बिना किसी व्यवधान के यह रिंग रोड जल्द ही आकार ले लेगी. इसमें 16 किलोमीटर के हिस्से में सर्विस रोड भी बनाई जाएगी.

 

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने जबलपुर की रिंग रोड के दो हिस्सों का टेंडर जारी कर दिया है. सभी तरह की स्वीकृति के बाद भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन के नजदीक से पनागर-कुसनेर तक 39 किलोमीटर और बरेला के शारदा माता मंदिर से तिलवारा के नजदीक मानेगांव तक 16 किलोमीटर के दो हिस्सों को पहले तैयार किया जाएगा. माना जा रहा है कि इसके लिए टेंडर प्रक्रिया 2 से 3 महीनों में पूरी की जाएगी और संभावना है कि जनवरी 2023 में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का भूमि-पूजन हो जाएगा.

 

55 किलोमीटर का एरिया बनाया जा रहा है पहले

 

जबलपुर शहर की रिंग रोड की लंबाई कुल 110 किलोमीटर की होगी. इसमें 55 किलोमीटर का एरिया पहले बनाया जा रहा है. एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल के मुताबिक पहले चरण में जो टेंडर जारी किया गया है, उसको जल्द से जल्द फाइनल करके रिंग रोड का निर्माण आरंभ करने के प्रयास किए जा रह हैं. यहां बता दें कि पहले दो हिस्सों के बनने पर रिंग रोड का करीब 50 फीसदी हिस्सा तैयार हो जाएगा.110 किलोमीटर में जिन हिस्सों का टेंडर जारी किया गया है, उसके अतिरिक्त पनागर-कुसनेर से बरेला और मानेगांव से आगे भेड़ाघाट-भीटा गांव से नर्मदा क्रॉस करते हुए आगे भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन तक 55 किलोमीटर के कुल दो हिस्से दूसरे फेज में तैयार किए जाएंगे.


 

सूत्रों के अनुसार अभी इस हिस्से में निर्माण आरंभ करने से पहले भूअर्जन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इस तरह शहर के चारों ओर एक रिंग के आकार की 150 फीट चौड़ी रोड तैयार होगी, जो आने वाले 25 सालों के लिए यातायात का दबाव कम करेगी. केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी सड़क संबंधी प्रोजेक्ट के लिए जब तक 80 प्रतिशत भूमि नहीं मिल जाती, तब तक उस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो सकता. पूरी रिंग रोड के लिए अभी भूमि अधिग्रहण संबंधी प्रक्रिया जारी है. सबसे पहले बरेला से मानेगांव, भेड़ाघाट स्टेशन से कुसनेर तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है, इसलिए यहां पर काम चालू करने के लिए टेंडर का प्रोसेस शुरू हो गया है.

 

लोगों को होंगे ये फायदे

 

कहा जा रहा है कि रिंग रोड के बनने से शहर के अंदर यातायात का दबाव कम होगा, जो व्यक्ति पूर्व से पश्चिमी हिस्से में जाना चाहे या उत्तर से दक्षिणी हिस्से में जाना चाहे, तो इसी रिंग रोड का उपयोग कर शहर से सीधे बाहर जा सकता है. उसे शहर के अंदर सघन यातायात के बीच जाने की जरूरत नहीं होगी और समय के साथ-साथ ईंधन की बचत भी होगी.