Jabalpur News: सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर को मिली HC से बड़ी राहत, जानिए क्या है पूरा मामला
जबलपुर: एमपी में हाईकोर्ट ने अभिनेता सैफ अली और उनकी मां शर्मिला टैगोर को भोपाल की कोहेफिजा की बेशकीमती जमीन के एक मामले में बड़ी राहत दी है.
जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने अभिनेता सैफ अली और उनकी मां शर्मिला टैगोर को भोपाल की कोहेफिजा की बेशकीमती जमीन के एक मामले में बड़ी राहत दी है. चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने इस मामले में हाईकोर्ट का एक पुराना आदेश निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पटौदी खानदान के वारिसों द्वारा दायर की गई रिव्यू पिटीशन भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है.
वीआईपी रोड पर फुटपाथ और रेलिंग से जुड़ा है मामला
बता दें कि ये पूरा मामला भोपाल में प्रशासन द्वारा वीआईपी रोड पर फुटपाथ और रेलिंग बनाने से जुड़ा हुआ है. यहां फुटपाथ और रेलिंग बनने से पटौदी खानदान की कोहेफिजा स्थित प्रॉपर्टी में पहुंचने का रास्ता बंद हो गया था. इसी को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली है. अभिनेत्री शर्मिला टैगोर,सैफ अली खान, सबा अली और सोहा अली ने पुनरीक्षण याचिका दायर कर बताया कि कोहेफिजा में उनकी खसरा क्रमांक 80 में कई एकड़ की संपत्ति है. ये जमीन वीआईपी रोड से लगी हुई है और सरकार ने यहां सड़क बना दी है. इसके साथ ही फुटपाथ का निर्माण कर उसमें रेलिंग भी लगा दी. इस वजह से उनके आवागमन का रास्ता बंद हो गया है.
जमीन या प्रॉपर्टी पर आने-जाने में कोई रोक नहीं
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राजेश पंचोली ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में याचिका दायर कर 20 फीट का रास्ता देने की मांग की गई थी. इस पर भोपाल कलेक्टर ने जवाब में कहा था कि पटौदी खानदान की दूसरे खसरे में भी कुछ जमीन है और वहां से भी आवागमन हो सकता है. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन साल 2012 में हाईकोर्ट ने इस याचिका खारिज कर दिया था.
इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से अपील दाखिल की गई लेकिन हाईकोर्ट ने साल 2020 में पुनः तथ्यों का विवादित प्रश्न का हवाला देकर अपील खारिज कर दी. अब याचिकाकर्ताओं ने अपील में दिए फैसले को चुनौती देते हुए रिव्यू याचिका दाखिल की. अधिवक्ता पंचोली ने दलील दी कि कानूनन अपनी जमीन या प्रॉपर्टी पर आने-जाने से किसी भी नहीं रोका जा सकता. मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 2020 में दिए अपील के फैसले को खारिज कर दिया.
ये भी पढ़ें-