MP News: जबलपुर शहर में 'बोनसाई मैन' के नाम से मशहूर शख्स की कहानी प्रेरणा दायक है. 70 साल के बुजुर्ग ने जीवन भर की जमा पूंजी से बोनसाई का देश में सबसे बड़ा कलेक्शन तैयार कर लिया. 40 साल की मेहनत के बाद अब बोनसाई का जंगल खड़ा हो गया है. बोनसाई का पौधा घर में लगाने से हवा शुद्ध रहती है. बिजली विभाग से रिटायर्ड सोहनलाल द्विवेदी ने पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित कर दिया.
40 साल से सोहनलाल अपने घर में बोनसाई की अलग-अलग प्रजाति के प्लांट तैयार कर रहे हैं. उनके घर में 40 से ज्यादा प्रजाति के ढाई हजार बोनसाई प्लांट मौजूद हैं. उनका दावा है कि देश का सबसे बड़ा बोनसाई कलेक्शन है.
उन्होंने बताया कि मुंबई की महिला से बोनसाई लगाने की प्रेरणा मिली थी. मुंबई की महिला घर की छत पर 250 बोनसाई लगाए हुए है. अखबार में छपी खबर को पढ़ने के बाद मन में जानने की जिज्ञासा बढ़ गई. उन्होंने दिल्ली में बोनसाई क्लब जाकर जानकारी ली.
70 साल के बुजुर्ग कैसे बने 'बोनसाई मैन'?
उसके बाद बोनसाई को जुनून बना लिया. सोहनलाल ने जीवन के साथ कमाई भी पर्यावरण को समर्पित कर दी है. सोहनलाल के कलेक्शन में मौसंबी, नारंगी, संतरा, बरगद, पीपल, बेर, कैक्टस, नींबू, जैड समेत कई सजावटी पौधों के बोनसाई प्लांट हैं. आज उनकी छत और आसपास प्लॉट पर 40 तरह के 2500 बोनसाई हैं. सभी बोनसाई को उन्होंने खुद तैयार किया है. बोनसाई प्लांट समय-समय पर लोगों को उपहार में भी देते हैं.
पर्यावरण के प्रति जुनून की है कहानी
सोहनलाल बताते हैं कि बोनसाई केवल दिखने में छोटे हैं लेकिन काम एक बड़े पेड़ की तरह करते हैं. बोनसाई का पौधा कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर वातावरण को स्वच्छ रखता है. उन्होंने देश में सबसे बड़ा बोनसाई पेड़ों का कलेक्शन होने का दावा किया. सोहनलाल जल्द 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं. सोहनलाल पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम करते हैं. उनका मानना है कि अगर प्रकृति को बचाना है तो हर एक शख्स को अपना योगदान जरूर देना होगा. बोनसाई प्रदर्शनी में जाने के साथ सोहनलाल प्लांट तैयार करने की ट्रेनिंग भी देते हैं.
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