Jabalpur news: SRL के कलेक्शन सेंटर में बिना अनुमति कोरोना का RT-PCR टेस्ट, डॉक्टर ने मरीज बन रंगे हाथ पकड़ा
Jabalpur news: स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंजूरी नहीं देने के बाद भी जबलपुर में एक कलेक्शन सेंटर द्वारा कोरोना का RT-PCR टेस्ट किया जा रहा था. जांच में सच्चाई सामने आने पर कार्रवाई की गई.
Jabalpur news: स्वास्थ्य विभाग की रोक के बावजूद जबलपुर में एसआरएल (SRL DIAGNOSTICS) पैथोलॉजी लैब के एक कलेक्शन सेंटर में कोरोना का RT-PCR टेस्ट किया जा रहा था. जिला अस्पताल के एक डॉक्टर खुद मरीज बनकर इस कलेक्शन सेंटर में RT-PCR टेस्ट के लिए पहुंचे थे. रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद SRL DIAGNOSTICS के इस कलेक्शन सेंटर को सील कर दिया गया है. जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ रत्नेश कुरारिया ने बताया कि गढ़ा में अवैध रूप से चल रहे हैं SRL DIAGNOSTICS के कलेक्शन सेंटर की जांच की गई. डॉ के के वर्मा के नेतृत्व में जिला चिकित्सालय की टीम ने बिना अनुमति RT-PCR टेस्ट करने पर इस कलेक्शन सेंटर पर कार्रवाई की, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से सेंटर को सील कर दिया गया.
कैसे की गई जांच
स्वास्थ्य विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार कोविड की जांच केवल पैथोलॉजी सेंटर की मुख्य लैब में की जानी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किये गए स्टिंग में गढ़ा बाजार स्थित SRL DIAGNOSTICS के कलेक्शन सेंटर में डॉ के के वर्मा स्वयं मरीज बनकर बैठे थे और नियमों का उल्लंघन करते हुए कलेक्शन सेंटर में उनका सैंपल लिया जा रहा था. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी सूचना SRL DIAGNOSTICS के एरिया मैनेजर को दी गई और तत्काल प्रभाव से कलेक्शन सेंटर सील कर दिया गया.
संभागीय जनसंपर्क कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक यह कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रत्नेश कुरारिया के निर्देश पर डॉ के के वर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय और उनकी टीम ने की है.
हाल ही में पैथोलॉजी सेंटर की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम का गठन किया था, जिसमें डॉ एहतेशाम अंसारी जिला स्वास्थ अधिकारी, डॉ के के वर्मा शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ विभोर हजारी चिकित्सा अधिकारी और डॉ प्रियंक दुबे चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं.
क्या है RT-PCR टेस्ट के नए निर्देश
नये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कलेक्शन सेंटर में खून की जांच या अन्य किसी टेस्ट हेतु प्रशिक्षित स्टाफ का होना अनिवार्य है. प्रशिक्षित स्टाफ को सीएमएलटी या डीएमएलटी अथवा बीएमएलटी होना जरूरी है. प्रत्येक कलेक्शन सेंटर में मुख्य पैथालॉजी लैब का अनुमति पत्र चस्पा होना आवश्यक है. अनुमति पत्र में दोनों का अनुबंध और साथ में मुख्य पैथालॉजी लैब के संचालक के हस्ताक्षर एवं मोबाइल नंबर होना चाहिए. इसके साथ-साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से जारी अनुमति पत्र का होना भी आवश्यक है.
नये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोविड की जांच का अधिकार एनएबीएल के मापदंडों को पूरा करने वाली मुख्य पैथालॉजी लैब को ही होगा. रिपोर्ट मुख्य लैब से कलेक्शन सेंटर में मेल या ऑनलाइन माध्यम से ही दी जा सकती है. कलेक्शन सेंटर रिपोर्ट टाइप करके नहीं देगा. समस्त कलेक्शन सेंटरों को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेना आवश्यक है.
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