Jabalpur Viral Video: जबलपुर (Jabalpur) शहर के एक वायरल वीडियो ने आज सोशल मीडिया पर सबका ध्यान खींचा. नर्मदा नदी में तैरते पत्थर के इस वीडियो को लोगों ने खूब कौतूहल देखा. वीडियो बनाने वाले इसे चमत्कार बता रहे थे, लेकिन हकीकत कुछ और निकली. सबसे पहले वायरल वीडियो की बात कर लेते हैं.


वीडियो में एक महिला को यह कहते सुना जा सकता है कि, वह जयपुर से आई है. वो जिलहरीघाट में नहाने आई है. उसके हाथ में जो पत्थर है, वो रामेश्वरम का है. यह तैरने वाला पत्थर है. एक अन्य वीडियो में छोटा बच्चा कहता है कि, ये तैरने वाला पत्थर न जाने कहां से नर्मदा नदी में आ गया है. वहीं सोशल मीडिया पर तैरने वाले पत्थर का वीडियो वायरल होते ही लोग उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए.






 


इसलिए तैर जाते हैं कई बार पत्थर
हमने भी इसके बारे में जबलपुर के साइंस कॉलेज के भूवैज्ञानिक प्रोफेसर एके वाजपेयी से बात की. उनका कहना है कि अमूमन ज्वालामुखी के लावा से जो पत्थर बनते हैं, वो पानी में आसानी से तैर जाते हैं. इसी तरह जिस पत्थर का घनत्व पानी से कम होता है, वो पानी में आसानी से तैर जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसे पत्थरों में बहुत सारे छेद होते हैं, जिन्हें क्योमिक स्टोन भी कहा जाता है. नर्मदा नदी में पत्थरों के तैरने का कोई धार्मिक महत्व नहीं हो सकता. यह पत्थर या तो कोई शख्स वहां लेकर आया है. या फिर किसी अन्य वैज्ञानिक कारण से पत्थर वहां पहुंच गए. 


वीडियो हुआ वायरल
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के दावे की पड़ताल नर्मदा नदी के जिलहरी घाट में की. यहां के स्थानीय नाविक और तैराक किशोर केवट ने बताया कि कुछ लोग अपने साथ पानी में तैरने वाले पत्थर लेकर नर्मदा घाट पहुंचे थे. उसने बताया कि उन्होंने नर्मदा नदी में पत्थरों को डाल दिया, जिसे तैरता देखने के बाद लोगों में उत्सुकता बढ़ी. उन्होंने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया.


बता दें पानी में पत्थर तैरना कोई नई बात नहीं है.पानी में पत्थर तैरने का जितना धार्मिक महत्व है, उससे कहीं ज्यादा इसमें वैज्ञानिक तथ्य भी मौजूद हैं.अक्सर तैरते पत्थरों को रामसेतु से जोड़ दिया जाता है.


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