Jabalpur News: अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए वीवीआईपी लोगों के पास आमंत्रण पत्र आने का सिलसिला जारी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से मध्य प्रदेश के 18 साधु-संतों को विशेष आमंत्रण पत्र भेजा गया है. इसमें जबलपुर के भी तीन संत शामिल है. बाबरी विध्वंस के दौरान कार सेवक रहे महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज को भी श्रीरामलला का महाप्रसाद आगमन और प्राण-प्रतिष्ठा के भव्य समारोह का आमंत्रण आया है.  


अपने जन्मदिन पर अयोध्या से आये विशेष आमंत्रण से गदगद स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने एबीपी लाइव से खास बातचीत में कहा कि "यह उनके लिए बेहद गर्व और गौरव की बात है. राम जन्मभूमि के संघर्ष में उन्होंने भी अपना योगदान दिया था." स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कांग्रेस नेताओं द्वारा श्रीरामलला का महाप्रसाद आगमन और प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने के सवाल पर कहा कि "कांग्रेस ने आमंत्रण का बहिष्कार करके खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. कांग्रेस हर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से ही देखना चाहती है.कांग्रेस सदा से सनातन विरोधी रही है.  


चारों शंकराचार्य आमंत्रित
श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में चारों शंकराचार्यों की दूरी के सवाल पर महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि "अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में चारों शंकराचार्यों को आमंत्रित किया गया है. वे खुद बता रहे है कि क्यों नहीं आ रहे है? मेरे लिए चारों शंकराचार्य सम्मानित है. इसलिए इस विषय में ज्यादा कुछ नहीं बोल सकता."


एमपी से 18 लोगों को वीवीआईपी आमंत्रण
यहां बताते चले कि जबलपुर में गुप्तेश्वरपीठ के स्वामी मुकुंददास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी और नरसिंह पीठ के स्वामी नरसिंहदास महाराज को श्रीरामलला का महाप्रसाद आगमन और प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण मिला है. इसी तरह मध्य प्रदेश में अब तक केवल 18 लोगों को ही रामलाल प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए वीवीआईपी आमंत्रण भेजा गया है. गुप्तेश्वर पीठ के संत मुकुंद दास महाराज का कहना है कि "उनके और संस्कारधानी के लिए गर्व की बात है कि भगवान राम की जन्म भूमि से बुलावा आया है."  


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