(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jabalpur News: जबलपुर का मिष्ठान क्लस्टर प्रोजेक्ट अटका, अब तक जरूरत से आधी जमीन मिली
MP News: जबलपुर में व्यापारियों और राज्य सरकार की जिद में 18 करोड़ का एक प्रोजेक्ट अटक गया. केन्द्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर में मिष्ठान्न और नमकीन क्लस्टर बनाया जाना है.
Jabalpur Sweets Cluster Project: जबलपुर में व्यापारियों और राज्य सरकार की जिद में 18 करोड़ का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अटक गया. केन्द्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत जबलपुर में मिष्ठान्न और नमकीन क्लस्टर बनाया जाना है. इससे जबलपुर में बनने वाली लजीज मिठाईयों और नमकीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन होगा और उनका निर्यात भी किया जा सकेगा. यह इसलिए अटक गया है क्योंकि राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए जरूरत से आधी जमीन दी है. व्यापारी पूरी जमीन नहीं मिलने तक अपना अंशदान देने को राजी नहीं हैं. जबलपुर में बनने वाली प्रसिद्ध खोवे की जलेबी, कुंदे के पेड़े, बंगाली मिठाईयों के साथ लजीज नमकीन सभी के मुंह में पानी ला देता है. जबलपुर की प्रसिद्ध मिठाईयों और नमकीन का स्वाद देश-दुनिया तक पहुंचाने और इस व्यापार को औद्योगिक स्वरूप देकर रोजगार मूलक बनाने के लिए एक अहम योजना शुरु की गई थी.
18 करोड़ का है प्रोजेक्ट
योजना के तहत केन्द्र सरकार ने जबलपुर में मिष्ठान्न और नमकीन क्लस्टर खोलने को मंजूरी दे दी. 18 करोड़ की इस योजना में मिठाई उत्पादकों के लिए एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर और उत्पादन यूनिट्स लगाई जानी हैं. कॉमन फेसिलिटी सेंटर में अत्याधुनिक मशीनें लगाई जानी हैं, जिनसे छेना, खोआ, घी सहित मिठाईयों के रॉ मटेरियल का उत्पादन होगा. साथ ही सेंटर में प्रोडक्ट की शुद्धता जांच के बाद सर्टिफिकेशन की सुविधा होगी. प्रोजेक्ट के तहत केन्द्र सरकार ने मशीनों के लिए 11 करोड़ का फंड पहले ही स्वीकृत कर दिया जबकि राज्य सरकार को क्लस्टर के लिए जमीन और व्यापारियों को भवन निर्माण के लिए 3 करोड़ की राशि देनी है. लंबे समय के इंतजार के बाद राज्य सरकार ने जबलपुर के रिछाई इंडस्ट्रियल एरिया में मिठाई और नमकीन क्लस्टर के लिए जमीन आवंटित कर दी लेकिन यह जमीन सिर्फ 2 एकड़ है.
जमीन को लेकर पेंच फंस गया
अब व्यापारियों को भवन निर्माण के लिए 3 करोड़ देने हैं लेकिन जमीन को लेकर पेंच फंस गया है. जबलपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सीनियर चेयरमैन प्रेम दुबे ने कहा कि क्लस्टर के लिए कम से कम 5 एकड़ जमीन की जरुरत हैं. 2 एकड़ में सिर्फ कॉमन फेसिलिटी सेंटर ही बन पाएगा. अगर उनकी उत्पादन यूनिट यहां नहीं लग पाई तो रॉ मटेरियल के ट्रांसपोर्टेशन की मजबूरी से क्लस्टर का औचित्य ही नहीं बचेगा.
साल 2019 से स्वीकृत इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने बीते मार्च माह में 2 एकड़ जमीन आवंटित की है. अब जब व्यापारियों की और जमीन की मांग पर प्रोजेक्ट अटक गया है तो अधिकारी फिर पत्राचार की बात कह रहे हैं. जबलपुर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी के मुताबिक व्यापारियों की मांग पर मिठाई उत्पादन यूनिट्स लगाने के लिए जमीन आवंटन पर विचार किया जा रहा है. जबलपुर में बनने वाली मिठाईयां और नमकीन अपने लजीज स्वाद के जरिए देश दुनिया में पसंद की जा सकती है. इनके औद्योगिक उत्पादन और निर्यात से हजारों हाथों को रोजगार भी मिल सकता है.