Jabalpur: घरेलू गैस सिलेंडर का कमर्शियल यूज करने पर थ्री स्टार होटल के मालिक को 3 साल की सजा, 16 साल पुराना है मामला
घरेलू गैस सिलेंडर का कमर्शियल यूज करने पर जबलपुर की जिला अदालत ने अरिहंत पैलेस होटल के मालिक को तीन साल की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि मामला 16 साल पुराना है.
जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) की जिला अदालत ने सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) के दुरुपयोग के 16 साल पुराने मामले में थ्री स्टार होटल मालिक को तीन साल की सजा सुनाई है. होटल मालिक एक साल के अंदर तीन बार अपने रेस्टोरेंट में घरेलू गैस सिलेंडर का दुरुपयोग करते पकड़ा गया था. दरअसल घरेलू उपयोग के गैस सिलेंडरों का होटल के किचन में व्यावसायिक दुरुपयोग करने पर थ्री स्टार कैटेगरी के अरिहंत पैलेस होटल के संचालक राजेश जैन उर्फ पिंकी जैन को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी शुभांगी पालो दत्त की कोर्ट ने 3 वर्ष के कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है.
16 साल पुराना है मामला
वहीं अभियोजन के अनुसार जबलपुर में पदस्थ कनिष्ठ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी केएस भदौरिया ने 20 जुलाई 2005 को रसल चौक स्थित होटल अरिहंत पैलेस के झरोखा रेस्टॉरेंट का निरीक्षण किया था. इस दौरान रेस्टॉरेंट के किचन में 2 घरेलू उपयोग के सिलेंडर व्यावसायिक प्रयोग में लाए जाते पकड़े गए. इसके बाद 28 मार्च 2006 को कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी अरुण कुमार जैन ने फिर होटल का निरीक्षण किया. इस बार भी झरोखा रेस्टॉरेंट के किचन में दो घरेलू गैस के सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग में लाए जाते पकड़े गए. तीसरी बार 18 मई 2006 को कनिष्ठ खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी भदोरिया ने सूचना पर अरिहंत पैलेस होटल में 6 घरेलू गैस सिलेंडर व्यावसायिक उपयोग में लाए जाते पकड़े थे.
आरोपी के वकील ने कोर्ट में क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता के आधार पर अभियुक्त को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 का लाभ प्रदान नहीं किया जाता है. आरोपी के वकील ने दलील दी है कि यह उसका पहला अपराध है. आरोपी की उम्र छप्पन साल है. इस प्रकार उसे न्यूनतम सजा से दंडित किया जाए.
कोर्ट ने मामले में क्या कहा?
वहीं कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि होटल मालिक राजेश जैन उर्फ पिंकी आदतन इस तरह का कृत्य बार-बार कर रहा था. अभियोजन पक्ष अपने मामले को संदेह से परे साबित करने में सफल रहा है, इसलिए आरोपी को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 2015 की धारा 3/7 के तहत दोषी ठहराया जाता है.