MP News: जबलपुर से खंडवा तक बाढ़ का अलर्ट, बरगी डैम के गेट खोलने से खतरे के निशान से ऊपर पहुंची नर्मदा
Narmada Flood in Jabalpur: जबलपुर में नर्मदा नदी उफान पर बह रही है. भेड़ाघाट जाने वाले सभी पुल नर्मदा नदी के बहाव में डूब ने से लोगों का शहर से संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने जारी किया बाढ़ का अलर्ट.

Jabalpur Flood: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर जिले (Jabalpur) में स्थित बरगी बांध (Bargi Dam) के शुक्रवार (4 जुलाई) को 4 गेट और खोल दिये गए. फिलहाल 19 गेट को 3.47 मीटर तक खोला गया है, जिससे नर्मदा नदी (Narmada River) का जलस्तर पिछले लेवल से 10 से 12 फीट और बढ़ गया है. डैम का वाटर लेवल 422.00 मीटर तक पहुंच गया है. जिससे नर्मदा किनारे बसे नगरों और कस्बों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. जबलपुर से लेकर खंडवा तक बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.
प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई है कि बरगी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है. इससे डैम 93 फीसदी भर गया है. बांध का उच्चतम वाटर लेवल 422.76 मीटर है. फिलहाल डैम से पानी का डिस्चार्ज 6675 क्यूसेक से बढ़ाकर 9528 क्यूसेक कर दिया गया है. अब बरगी डैम के 19 गेट औसत ऊंचाई 3.47 मीटर तक खोल दिए गए हैं. जबलपुर में नर्मदा घाट का स्तर वर्तमान स्तर से 10 से 12 फीट बढ़ गया है. गुरुवार (3 जुलाई) को डैम के 15 गेट खोलने से नदी के जलस्तर में 35 से 40 फीट का इजाफा हुआ था.
नर्मदा नदी के बहाव में डूब गए सभी पुल
जबलपुर में नर्मदा नदी का उफान चरम पर पहुंच गया है. शहर के ग्वारीघाट के साथ पर्यटन स्थल भेड़ाघाट और धुआंधार में नर्मदा नदी खतरे के निशाना से ऊपर बह रही है. भेड़ाघाट जाने वाले सभी पुल नर्मदा नदी के बहाव में डूब गए हैं. जिससे यहां के लोगों का शहर से संपर्क कट गया है. नर्मदा की सहायक नदियों में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का कलेक्टर और एसपी ने किया निरीक्षण
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन और पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी ने शुक्रवार (4 जुलाई) को जिले के जलप्लावन वाले क्षेत्रों का भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान सबसे पहले बिलहरी के पास चैतन्य सिटी का निरीक्षण किया, जहां वर्षा के कारण जल भराव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए कि जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें. साथ ही कहीं जलभराव की स्थिति न बने, लोगों को वर्षा के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो. उन्होंने कंदरखेड़ा और सिंगलदीप गांव का दौरा करके हिरन नदी की डूब में प्रभावित लोगों का हालचाल जाना. अधिकारियों को बाढ़ प्रभावितों को भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए.
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