Jabalpur Urea: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पोषण आहार के बाद यूरिया घोटाला भी शिवराज सरकार (Shivraj Government) के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. जबलपुर संभाग में किसानों को बांटने के लिए आए एक हजार टन यूरिया में से 890 टन यूरिया गायब होने पर सरकार ने सख्ती दिखाई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस मामले में सीधे एफआईआर करने के निर्देश जबलपुर जोन के आईजी उमेश जोगा (Umesh Joga) को दिए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह 7 बजे अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई, जिसमें जबलपुर से भी वीसी के माध्यम से संभाग के आला अधिकारी जुड़े.
बैठक में जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित यूरिया के वितरण में गड़बड़ी पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्त तेवर दिखाए. उन्होंने कहा कि किसानों को खाद से वंचित रखने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने दोषियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर कर उन्हें गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. सीएम शिवराज ने कहा कि जिस समय खाद की सबसे अधिक जरूरत है, उस समय खाद के लिए अफरा-तफरी मची है. यह अपराध है. दोषियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए, जो उदाहरण बने.
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किसानों को खाद की नहीं होना चाहिए दिक्कत: सीएम
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है. अन्नदाताओं तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए. जरूरत के समय किसान को खाद की कमी नहीं होना चाहिए. उन्होंने प्रभावित जिलों में यूरिया आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह जिले की सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बांटने के लिए जबलपुर से निकले एक हजार टन यूरिया में से 890 टन यूरिया के गायब हो गया है.
कृषि विभाग ने दिए हैं जांच के आदेश
890 टन यूरिया के गायब होने के बाद अब सरकारी एजेंसियां यह पता लगाने के लिए परेशान हो रही है कि यह यूरिया जमीन निगल गई या आसमान खा गया. फिलहाल कृषि विभाग की ओर से पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि पिछले महीने के अंतिम दिनों में एक हजार टन यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों में भेजा जाना था, लेकिन उसमें से 890 टन यूरिया गायब हो गया. करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक का यूरिया जिलों की सोसायटी में नहीं पहुंचने से कृषि महकमे सहित विपणन संघ (मार्कफेड) में भी हड़कंप मचा हुआ है.
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