Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के बाशिन्दे  गुरुवार (14 मार्च) को उस वक्त चौंक गए,जब नगर निगम के कांग्रेस पार्षदों सड़क पर भीख मांगते दिखे. दरअसल, कांग्रेस पार्षदों का यह अनोखा विरोध प्रदर्शन था. कांग्रेस पार्षद दल लगातार महापौर और एमआईसी के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में वित्तीय संकट बना हुआ है,जबकि महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू शासन द्वारा दी गई राशि का दूसरी जगह पर उपयोग कर रहे हैं.


कांग्रेस पार्षद अयोध्या तिवारी ने आरोप लगाया कि जबलपुर नगर निगम में न तो संविदा कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है और न ही अन्य विकास कार्य हो रहे हैं. इतना ही नहीं,आवश्यक मदों में खर्च की जाने वाली राशि भी पार्षदों को नहीं दी जा रही है. ऐसा ही हाल ठेकेदारों के साथ भी है,जिनका 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक का भुगतान होना है. उन्हें 5 या 7 लाख रुपए देकर खानापूर्ति की जा रही है.






यहां बताते चलें कि कांग्रेस पार्षदों ने न सिर्फ सड़क पर प्रदर्शन किया,बल्कि महापौर कार्यालय के बाहर बैठकर जमकर नारेबाजी भी की.इसके बाद उन्होंने भीख से इकट्ठा की हुई राशि आयुक्त कार्यालय में जमा कर दी,ताकि इस राशि का उपयोग नगर निगम के कोष के रूप में किया जा सके. कांग्रेस पार्षद अमरीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि शहर में विकास के कार्य ठप्प है. महापौर अपना नाम चमकाने वाला काम कर रहे है.


उधर,कांग्रेस पार्षदों के विरोध प्रदर्शन पर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्षद पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कांग्रेस की वित्तीय स्थिति पर बात करें.महापौर का कहना है कि हर एक कांग्रेसी पार्षद के वार्ड में करोड़ों रुपए की काम कराए जा रहे हैं.किसी की सड़क बन रही है तो किसी के वार्ड में पानी की टंकी का निर्माण हो चुका है.ऐसे में वे केवल नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.


यहां बता दें कि जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू कांग्रेस की टिकट पर निर्वाचित हुए थे.कुछ दिन पहले उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा का हाथ थाम लिया.भीख मांग कर विरोध प्रदर्शन करने वाले कई पार्षद तो कुछ माह पहले उनकी एमआईसी के मेंबर भी थे.अब नगर निगम में सत्ता समीकरण बदलने के बाद कांग्रेसी पार्षद विपक्ष में आ गए हैं. इसी वजह से कांग्रेसी पार्षद आए दिन आंदोलन करने में जुटे हुए हैं.