UP के तर्ज पर अब MP में भी कल से लगेगा जनता दरबार, सीएम मोहन यादव सीधे सुनेंगे फरियाद
Janata Darbar In MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनता दरबार लगाने का फैसला किया है. यह जनता दरबार हर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर लगेगा.
MP News: नए साल पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जनता से सीधे संवाद का कार्यक्रम बनाया है. इसके लिए वो मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार लगाकर जनसुनवाई करेंगे. ये जनता दरबार 6 जनवरी यानी कल भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई का आयोजन होगा जहां मुख्यमंत्री द्वारा समस्या से संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में आम लोगों की समस्या सुनी जायेगी और समस्या समाधान के निर्देश दिये जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्या सुनते हैं. उनका जनता दरबार लोकप्रिय है और काफी चर्चा में रहता है और मोहन यादव के इस कदम को उसी से जोड़ के देखा जा रहा है. हालांकि मध्य प्रदेश में किसी मुख्यमंत्री द्वारा जनता दरबार का ये पहला मौका नहीं है, इससे पहले बतौर मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उमा भारती भी जनता दरबार लगा चुके हैं, लेकिन डेढ़ दशक से अधिक समय तक शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के सीएम रहते प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास में इस तरह का जनता दरबार देखने को नहीं मिला.
चलिए जानते हैं कि मुख्यमंत्री मोहन यादव का जनता दरबार कैसा होगा. मोहन यादव का पहला सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में 10 बजे से 12 बजे के बीच 2 घंटे के लिए लगेगा, जहां जनता की शिकायत सुनी जाएगी.
सीएम मोहन यादव के जनता दरबार में जनता की उन्हीं शिकायतों को सुना जाएगा जो पहले से मुख्यमंत्री ऑफिस तक पहुंची हैं, शिकायतों की स्क्रुटनी की जाएगी, बीमारी और जरूरतमंदों की शिकायतों को प्रमुखता दी जाएगी. इस जनता दरबार में ट्रांसफर पोस्टिंग संबंधी शिकायतें नहीं सुनी जाएगी. शिकायतें सुनने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी भी जनता दरबार में मौजूद रहेंगे. पहले जनता दरबार में 500 से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का यह पहला जनता दरबार है लिहाजा इसमें कई संशोधन भी किया जा सकते हैं, जैसे जनता दरबार हफ्ते के किस दिन और कितने घंटे लगाया जाए. जनता दरबार में आने के लिए क्या रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा या नहीं ? जनता दरबार में कितने लोगों को शामिल किया जाए इन सब बातों पर फीडबैक लिया जाएगा और इसी फीडबैक के आधार पर कार्यक्रम की रूपरेखा में बदलाव किए जा सकते हैं.
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