Janmashtami 2022: खंडवा में जन्माष्टमी के मौके पर तिरंगे की थीम पर सजा मंदिर, तीनों सेनाओं की बनाई गई झांकी
Janmashtami 2022 Puja: खंडवा के अतिप्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को तिरंगे की थीम पर सजाया गया. यहां मुख्य द्वार से लेकर भगवान श्री कृष्ण के पालने तक तिरंगे के रंग में रंगे हुए हैं.
Happy Janmashtami 2022 Wishes: पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) मनाई जा रही है. आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) का असर कृष्ण जन्मोत्सव पर भी देखने को मिल रहा है. खंडवा (Khandwa) के अतिप्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को तिरंगे की थीम पर सजाया गया. यहां मुख्य द्वार से लेकर भगवान श्री कृष्ण के पालने तक तिरंगे के रंग में रंगे हुए हैं. यहां देश के वीर सैनिकों के सम्मान के लिए जल सेना, थल सेना और वायु सेना की झांकी भी बनाई गई है.
तिरंगे की थीम पर सजाया गया
लगभग सवा सौ साल अतिप्राचीन खंडवा के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को जन्माष्टमी के मौके पर तिरंगे की थीम पर सजाया गया. आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हर-घर तिरंगा अभियान से प्रेरित होकर महेश्वरी पंचायत ने इस बार कृष्ण जन्मोत्सव को राष्ट्र प्रेम की भावना से जोड़ने का निर्णय लिया. इसलिए भगवान के पालने से लेकर मंदिर के मुख्य द्वार तक हर जगह तिरंगे का प्रभाव नजर आता है.
सेना के तीनों अंगों की विशेष झांकी भी बनाई गई
महेश्वरी पंचायत के आयोजक नारायण बाहेती का कहना है कि हर साल एक नई थीम के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस बार पूरा देश तिरंगे के रंग में डूबा हुआ है इसीलिए कृष्ण जन्मोत्सव को भी तिरंगे की थीम पर मनाने का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि यहां देश भक्ति का संदेश देने के उद्देश्य से इस बार तिरंगे की थीम पर सजा सज्जा की गई है. साथ ही इस मंदिर में राष्ट्र की सरहदों पर देश की सुरक्षा कर रहे सेना के तीनों अंगों की विशेष झांकी भी बनाई गई है. जो खासा आकर्षण का केंद्र है.
आयोजन का समय ये रहा
पिछली पांच पीढ़ियों से मंदिर की सेवा करने वाले पुजारी पंडित लक्ष्मी दत्त दाधीच का कहना है कि सुबह 5:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक इस मंदिर में अलग-अलग पूजा होती है. मुख्य समारोह शाम 7:00 से 12:00 के बीच में होता है. रात 12:00 बजे कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान विशेष आरती हुई.
कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में भी खासी चहल पहल है. खास कर भगवान के विभिन्न स्वरूप में पूजन करने योग्य कपड़े, श्रंगार पालने बांसुरी आदि सामान की दुकानें सजी मिली. यहां दुकानों पर खरीदी करने बच्चे और महिलाओं की खूब भीड़ देखी गई.