Janmashtami 2024: उज्जैन में जन्माष्टमी को लेकर तैयारी तेज, नारायण गांव तक होंगे कई भव्य आयोजन
Ujjain Janmashtami News: उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी की भव्य तैयारी चल रही है, जिसमें मंदिरों की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वाहनों की पार्किंग शामिल हैं.
Janmashtami 2024 in Ujjain: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है. प्रशासन के आला अधिकारी मंदिरों में होने वाले आयोजन में भव्यता लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. उज्जैन शहर से लेकर ग्राम नारायण तक भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
भगवान श्री कृष्ण ने धार्मिक नगरी उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की थी. इस दौरान सांदीपनि आश्रम में उन्होंने समय व्यतीत किया था. इतना ही नहीं, वो लकड़ी बिनने के लिए ग्राम नारायणा तक जाते थे. भगवान श्री कृष्ण से जुड़े उज्जैन में महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जहां पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी व्यापक पैमाने पर की जा रही है.
वाहनों की सुव्यवस्थित पार्किंग के निर्देश
संभागायुक्त संजय गुप्ता और आईजी संतोष कुमार सिंह ने गुरुवार की शाम अंकपात मार्ग का अवलोकन किया. उन्होंने आश्रम में आगामी जन्माष्टमी पर्व के भव्य आयोजन किए जाने के निर्देश दिए. साथ ही सांदीपनि आश्रम के बाहर वाहनों की पार्किंग के लिए सुव्यवस्थित कार्य योजना बनाए जाने के भी निर्देश दिए गए.
अंकपात मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव
संभागायुक्त और आईजी ने अंकपात मार्ग के चौड़ीकरण किए जाने और मार्ग के बीच डिवाइडर बनाए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया. इसके अलावा दोनों ने सांदीपनि आश्रम में विद्यास्थली के दर्शन किए और यहां के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी प्राप्त की. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि नारायणा ग्राम में भी भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का भव्य कार्यक्रम होगा.
भगवान श्रीकृष्ण ने लिया था 64 कलाओं का ज्ञान
उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने 64 कलाओं का ज्ञान अर्जित किया था. संभागायुक्त ने कहा कि सांदीपनि आश्रम के मंदिरों में जो पत्थर लगे हैं, इनके पीछे अत्यन्त ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व हैं. इनका मूल स्वरूप कायम रखा जाए. उन्होंने अधिकारियों से आगामी कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के अंतर्गत मंदिर में की जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. इसके अतिरिक्त चौंसठ कला दीर्घा, गोमती कुंड का अवलोकन भी किया गया.
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