जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया ने FIR को दी चुनौती, मध्य प्रदेश HC ने सरकार से मांगा जवाब
MP News: एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधायक विक्रांत भूरिया ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
Jabalpur High Court News: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और झाबुआ से विधायक विक्रांत भूरिया ने अपने खिलाफ दर्ज पुलिस की एफआईआर को रद्द करने के लिए एमपी हाई कोर्ट की शरण ली है. याचिका में कहा गया है कि दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने का झूठा आरोप लगाते हुए राजनीतिक के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है.
अलीराजपुर जिले जोबट थाना क्षेत्र में 26 अप्रैल 2024 को शादी समारोह में गई 12 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. मामले में पुलिस ने तीन नाबालिगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. तीनों को गिरफ्तार कर बाल सुधारगृह भेजा गया. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और झाबुआ के विधायक विक्रांत भूरिया पार्टी अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ पीड़िता के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की थी. इसके बाद दोनों नेताओं ने अपने 'एक्स' अकाउंट पर पीड़िता के परिजनों के साथ चर्चा के फोटो पोस्ट कर दी थी.
जीतू पटवारी और भूरिया के खिलाफ किया था मामला दर्ज
इस पोस्ट को लेकर जोबट निवासी संगीता बघेल ने पुलिस को आवेदन दिया था,जिसमें कहा गया था कि फोटो में पीड़िता के परिजन और उसका घर दिख रहा है. इस आवेदन पर पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और झाबुआ विधायक भूरिया के खिलाफ आइपीसी की धारा 228 ए, पाक्सो एक्ट की धारा 23 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया था.
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा है जवाब
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया की ओर से हाईकोर्ट में अधिवक्ता वरुण तंखा ने हाई कोर्ट में पक्ष रखा.उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी लेकिन इस दौरान पीड़िता की पहचान छुपाने का पूरा ध्यान रखा गया है. एफआईआर केवल राजनीतिक द्वेष भावना के चलते दर्ज कराई गई है, लिहाजा एफआईआर रद्द होनी चाहिए.याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, जोबट थाना पुलिस और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है. याचिका पर अगली सुनवाई अगस्त माह में होगी.
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