सागर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Chief Minister Kanyadan Yojana) में अब सरकार 55 हजार रुपये देती है. प्रदेशभर में सामूहिक विवाह इस सीजन में हो रहे हैं. शिवराज सरकार इस योजना को हाल ही में नए सिरे से लांच किया है और राशि भी बढ़ाई. इसके लालच में कई जगह दुबारा शादी या फर्जीवाड़े सामने आने लगे हैं. ताजा मामला सागर (Sagar) जिले के रहली क्षेत्र का है. रहली-गढाकोटा में क्षेत्रीय विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव 19 मई को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहे हैं. इसमें हजार से अधिक शादियां होंगी. इसके लिए जोड़ों की जांच भी सख्ती से की जा रही है. इस आयोजन के लिए एक जीजा-साली ने इसके लिए आवेदन कर दिया, लेकिन जांच में फर्जी पाए जाने पर दोनों से माफीनामा लिखवाया गया.
कहां के रहने वाले हैं आरोपी
सागर जिले के रहली जनपद में एक जीजा-साली मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ पाने की लालच में पंजीयन कराने पहुच गए. हालांकि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ फर्जी तरीके से लेने का प्रयास जनपद सीईओ की सजगता से असफल हो गया.
रहली के गढ़ाकोटा में 19 मई को 19वें पुण्य विवाह कार्यक्रम का आयोजन होना है. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले पुण्य विवाह पंजीयन हेतु आवेदन जनपद पंचायत कार्यालय में जमा किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत मिलने वाली सामग्री और नगद राशि का फर्जी तरीके से लाभ लेने के चक्कर में एक शादीशुदा युवक अपनी साली के साथ आवेदन जमा करते समय पकड़ा गया.
अधिकारियों को आवेदन पत्र में दिखीं खामियां
दरअसल शादीशुदा युवक अपनी अविवाहित साली से योजना के तहत शादी का पंजीयन करने आवेदन लेकर जनपद पहुंचा. जनपद में पदस्थ सुजाता पटेल ने जब उसका आवेदन चेक किया तो उसमें कई खामियां नजर आईं. मामला संदिग्ध लगा तो उन्होंने जनपद सीईओ राजेश पटैरिया को जानकारी दी. जनपद सीईओ पटैरिया ने जब बारीकी से छानबीन की तो यह फर्जीबाड़ा पकड़ा गया. पुलिस भी आ गई. फर्जीबाड़ा पकड़े जाने के वाद जीजा-साली ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. दोनों ने माफीनामा लिखकर भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं करने का लिखित आश्वासन दिया. इसके बाद उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. पुलिस ने उनका लिखित में माफिनामा लेकर दोनों को छोड़ दिया.
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