MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाथ संप्रदाय द्वारा अंतिम संस्कार के दौरान दफनाने की परंपरा वर्तमान दौर में बदलने की बात उठाई. इसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर नाथ संप्रदाय के जनप्रतिनिधि कुर्सी संभाल रहे हैं. ऐसे में बयानबाजी का दौर आगे भी चल सकता है.


सीएम मोहन यादव ने विमुक्त, घुमंतू, अर्ध घुमंतू समुदाय के लिए अपने निवास पर एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें अलग-अलग संप्रदाय के लोगों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि घुमंतू, अर्ध घुमंतू और विमुक्त समुदाय के लोगों को घर के आस-पास ही रहकर कोई व्यवसाय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों द्वारा अपराध में लिप्त पाए जाने पर पूरे समुदाय को अपराधी नहीं माना जा सकता है.


इस मौके पर सीएम यादव ने नाथ संप्रदाय द्वारा अंतिम संस्कार की परंपरा को बदलने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में दफनाने की परंपरा बदली जाना चाहिए. उन्होंने अपने संबोधन में कहा की पुरखे हमारे हैं और समाधि पर चादर चढ़कर फायदा कोई और लोग लेते है. इस बात को ध्यान में रखते हुए बदलाव के कदम उठाने जाना चाहिए.


ज्ञान नहीं शिक्षा और रोजगार चाहिए - कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नाथ संप्रदाय द्वारा अंतिम संस्कार के तरीके को सुधारने के सुझाव पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भारत में सभी को नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है. ऐसी स्थिति में सभी जाति, धर्म, पंथ, मजहब की अपनी परंपराएं हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ज्ञानी और दार्शनिक है लेकिन उन्होंने नाथ संप्रदाय को शिक्षित बनाने में सहयोग करने और रोजगार देने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि परंपराएं बदलने से नहीं बल्कि शिक्षा और रोजगार से उनके जीवन में बदलाव आएगा.


राजनीति में नाथ संप्रदाय का दबदबा
उत्तर प्रदेश राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में नाथ संप्रदाय के जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण पदों पर है. ऐसे में नाथ संप्रदाय की राजनीति में दखलअंदाजी का भी अंदाजा लगाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के विधायक महंत बालक नाथ सहित कई जनप्रतिनिधि नाथ संप्रदाय से आते हैं. इसी के चलते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बयान को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है.


योग और अग्नि से खुद को बनाते हैं पवित्र
नाथ संप्रदाय की अपने अलग ही पहचान है. गुरु गोरखनाथ के अनुयाई नाथ संप्रदाय के लोग खुद को अग्नि और योग से पवित्र बनते हैं. इसी वजह से अंतिम संस्कार के दौरान अग्नि का प्रयोग नहीं होता है. नाथ संप्रदाय अंतिम संस्कार के दौरान उनके शव को दफनाते हैं. मुख्यमंत्री के सामने बातचीत के दौरान जगह की कमी की वजह से भी इस प्रकार का कदम उठाए जाने की बात सामने आई थी. मुख्यमंत्री ने नाथ संप्रदाय के लोगों को आवास, जमीन के पट्टे, आंगनबाड़ी, सड़क, बिजली और अन्य सुविधाओं के साथ-साथ शमशान के लिए जगह भी देने का ऐलान मंच से किया है.


ये भी पढ़ें: नीमच में मंदिर की जमीन पर कब्जे को लेकर तहसीलदार ने जारी कर दिए 2 अलग-अलग आदेश, अब हुआ एक्शन