Madhya Pradesh News: किर्गिस्तान में फंसे भारत के स्टूडेंट्स को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने कहा कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कास्ट फ्लाइट भेजी है, लेकिन भारत सरकार अभी तक बेफिक्र नजर आ रही है. 


जीतू पटवारी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि वहां से स्टूडेंट्स को लाने के लिए सभी को उम्मीद थी कि केन्द्र और प्रदेश सरकार गंभीर होगी, लेकिन ऐसा नहीं दिख रहा है. बता दें किर्गिस्तान में मध्य प्रदेश के भी 1200 स्टूडेंट्स हैं.


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,"किर्गिस्तान में मध्य प्रदेश के 1200 बच्चे फंसे हैं. एमपी सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने का भरोसा दिया है, लेकिन राजनीतिक वादे की तरह उन्हें वापस लाने के लिए कोई इतजाम नहीं किए." 


'पाकिस्तान ने अपने स्टूडेंट्स निकाले'
उन्होंने आगे लिखा, "स्टूडेंट्स का कहना है पाकिस्तान अपने छात्रों को यहां से निकाल चुका है, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. केवल बयान और मीडिया हेडलाइंस में सरकार सक्रिय है. हकीकत में मदद जैसा कुछ नहीं है."
 
'भूखे रहने को मजबूर बच्चे'
जीतू पटवारी ने कहा, "जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे बाहर ही निकल नहीं पा रहे हैं. खाने पीने का सामान खत्म हो गया है. उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलते ही मारपीट हो रही है. स्थानीय लोग लड़कियों से मारपीट कर रहे हैं. बच्चों का कहना है कि पहले इंडियन स्टूडेंट्स का वापसी टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाता था, लेकिन जब से हालात बिगड़े हैं, 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट हो रहा है. यह सभी के लिए संभव नहीं है."


'डरे हुए हैं बच्चे'
पटवारी ने कहा, "किर्गिस्तान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने भारत सरकार, इंडिया एंबेसी और विदेश मंत्री को सोशल मीडिया पर टैग किया है, गुहार भी लगाई, लेकिन कुछ रेस्पॉन्स नहीं मिला. इस स्थिति में बच्चे ज्यादा निराश और डरे हुए हैं."


कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, "मुख्यमंत्री से मैंने पहले भी अनुरोध किया था, इसके बाद बीजेपी सरकार मीडिया और बयानों में तो नजर आई, लेकिन बच्चों की बातों से हकीकत फिर सामने है. डबल इंजन कहां है, क्या कर रहा है? मुझे जानकारी मिली है कि बिश्केक में फ्लैट में रहने वाले बच्चों को कुछ मकान मालिक बाहर निकाल रहे हैं. जब वे बाहर जा रहे हैं तो स्थानीय लोगों के हमले का शिकार हो रहे हैं. क्या आपको यह सब नहीं पता है?"


'रैलियों में परोसा जा रहा झूठ'
जीतू पटवारी ने ये भी कहा, "हैरान बच्चों के साथ उनके परिजन भी बहुत परेशान हैं. सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि संकट के गंभीर दौर में मध्य प्रदेश के साथ केंद्र सरकार भी प्राथमिकता से पहल करेगी और बच्चों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करेगी, लेकिन बीजेपी सरकार के रवैए से बहुत निराशा हो रही है. पीड़ित परिवार जानना चाहते हैं कि चुनावी रैलियों में झूठ परोस रहे हैं. प्रधानमंत्री को हमारे भूखे बच्चों की चिंता क्यों नहीं है? मुख्यमंत्री क्यों खामोश हैं."


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