MP Lok Sabha Election: ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने भरा नामांकन, नॉमिनेशन के लिए क्यों चुना आज ही का दिन?
MP Lok Sabha Election 2024: मंदिरों में देव दर्शन करने के बाद गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना नामांकन दाखिल किया. साथ ही दिग्विजय सिंह ने भी आज नामांकन भरा है.
Guna Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश के दो बड़े राजघरानों के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग पार्टी से लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. दोनों ही राजघराने में सियासत की पुरानी आदत रही है. दुर्गा अष्टमी का अवसर पर गुना और राजगढ़ लोकसभा सीट के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया.
दुर्गा अष्टमी के अवसर पर मंदिरों में देव दर्शन करने के बाद गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने लाव लश्कर के साथ रोड-शो कर माध्यम से अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी सिंधिया की नामांकन रैली में मौजूद रहे. इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि गुना लोकसभा सीट पर हुए उनके स्वागत से वह अभिभूत है.
दिग्विजय सिंह ने भी किया नामांकन दाखिल
दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ से दो बार सांसद रह चुके दिग्विजय सिंह ने भी माता मंदिर में शीश नवाने के बाद अपना नामांकन दाखिल किया. हालांकि उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कह दिया था कि वह नामांकन रैली में शामिल होने की वजह अपने-अपने पोलिंग बूथ पर जाकर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से संपर्क करें.
सिंधिया और दिग्विजय सिंह घराने की पुरानी अदावत
वैसे तो सियासत में लंबी दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही नहीं चलती है मगर राजनीति के जानकार बताते हैं कि सिंधिया और दिग्विजय सिंह के घराने में लंबे समय से राजनीतिक अदावत चलती आ रही है. साल 2020 में जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था उस समय भी दिग्विजय सिंह को बड़ा कारण बताया गया था.
वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा के मुताबिक दिग्विजय सिंह अपने पुत्र जयवर्धन सिंह को आगे लाना चाहते थे जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय गहरी पकड़ बनाए हुए थे. इसी के चलते दोनों परिवारों में पुरानी अदावत फिर खुलकर सामने आ गई. दोनों ही परिवारों के बीच डेढ़ सौ साल से अदावत चली आ रही है.
दुर्गा अष्टमी के साथ मंगल योग के कारण चुना दिन
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के मुताबिक मंगलवार को दुर्गा अष्टमी के साथ-साथ मंगल पुष्य नक्षत्र भी था जो कि काफी लाभप्रद होता है. राजनीति के क्षेत्र में मंगल का काफी महत्व है. मंगल को विजय का प्रतीक माना जाता है. इसी के चलते राजनीति के दिग्गज खिलाड़ियों ने नामांकन भरने के लिए इसी दिन का चयन किया.