Madhya Pradesh Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव रिजल्ट को आए तीन दिन हो गए हैं. अब समीक्षाओं और चर्चाओं का दौर जारी है. किसे कहां से जीत मिली तो कौन हार गया? इन्हीं चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी हो रही है कि लोकसभा चुनाव में राजा और महाराजा दोनों ही मैदान में उतरे थे. इनमें से महाराजा तो चुनाव जीत गए, लेकिन राजा को हार का सामना करना पड़ा है.


बता दें गुना लोकसभा संसदीय सीट से बीजेपी ने इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया (महाराज) को अपना प्रत्याशी बनाया था. जबकि कांग्रेस ने प्रदेश की राजगढ़ संसदीय सीट से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (राजा) को अपना उम्मीदवार बनाया था. इन दोनों ही सीटों पर प्रदेश भर की नजरें थी. राजगढ़ सीट से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया था. 


वोटिंग से एक दिन पहले तक यहां दिग्विजय सिंह के पक्ष में माहौल नजर आ रहा था, लेकिन मतदान वाले दिन मतदाताओं का मन बदला और दिग्विजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा. इधर गुना संसदीय सीट की बात करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार वह बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े और बड़ी जीत दर्ज की. 


एक लाख के ऊपर हुई हार-जीत
प्रदेश की गुना और संसदीय सीट पर जीत हार भी एक लाख से ऊपर वोटों से हुई है. गुना से अपने प्रतिद्वंदी को हराते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 40 हजार 929 वोटों से जीत दर्ज की. प्रदेश की राजगढ़ संसदीय सीट की बात करें, तो यहां से दिग्विजय सिंह 1 लाख 46 हजार 499 वोटों से चुनाव हार गए. 


दिग्विजय सिंह हारने के बाद भी सांसद
बता दें भले ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय सीट से चुनाव हार गए हो, इसके बावजूद वो अब भी सांसद ही कहलाएंगे. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं और अभी उनका कार्यकाल खत्म नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि अभी उनका दो साल से ऊपर का कार्यकाल शेष बचा है, ऐसे में दिग्विजय सिंह राज्यसभा सासंद कहलाएंगे.



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