Jyotiraditya Scindia Lifestyle: 400 कमरे के आलीशान महल में रहते हैं सिंधिया, सोने की सजावट और चांदी की ट्रेन, आप भी देखें
Palace of Jyotiraditya Scindia: जय विलास पैलेस जीवाजी राव सिंधिया के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया को विरासत में मिला. 1876 में इस महल को प्रिंस जॉर्ज और राजकुमारी मैरी के स्वागत के लिए बनाया गया था.
Jyotiraditya Scindia Palace: ज्योतिरादित्य सिंधिया की गिनती कद्दावर नेताओं में की जाती है. साथ ही, उन्हें ग्वालियर के शाही राजघराने के वंशज के रूप में भी जाना जाता है. रॉयल फैमिली से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का महल इतना भव्य और खूबसूरत है कि अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. जिस महल में सिंधिया रहते हैं, वह 12,40,771 वर्गफुट में फैला हुआ है. इस महल का नाम है 'जय विलास पैलेस', जो हिन्दू मराठा वंश महाराजा जयाजी राव सिंधिया का घर है. आइए जानते हैं इस भव्य महल के बारे में कुछ रोचक बातें...
जय विलास पैलेस की खास बात यह है कि महल यूरोपियन स्टाइल के आर्किटेक्चर पर बनाया गया है. यह महल जीवाजी राव सिंधिया के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया को विरासत में मिला है. ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में खासा एक्टिव हैं और मौजूदा समय में केंद्र सरकार में उड्डयन मंत्री का कार्यभार संभाल रहे हैं. उनका यह महल तीन मंजिला है, जिसमें सिंधिया परिवार साथ रहता है.
4 हजार करोड़ से ज्यादा होगी कीमत
इतिहास की किताबों में लिखा है कि साल 1876 में जय विलास पैलेस को प्रिंस जॉर्ज और वेल्स की प्रिंसेस मैरी का स्वागत करने के लिए तैयार किया गया था. महल की नींव महाराजा जयाजी राव सिंधिया की देखरेख में साल 1874 में रखी गई थी. महल जैसी इस हवेली के डिजाइनर ब्रिटिश लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिरोज थे. हैरानी वाली बात यह है कि 19वीं सदी में बने इस महल की कीमत उस समय पर कीब एक करोड़ रुपये थी. अगर आज के समय के हिसाब से देखा जाए तो लगभग 4 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा.
हर मंजिल की थीम डिजाइन अलग
महल की एक बड़ी खासियत भी है. जानकारी के मुताबिक, महल की हर एक मंजिल अलग-अलग थीम पर बनाई गई है. एक फ्लोर टस्कन है, दूसरी इटालियन-डोरिक और तीसरी कोरिंथियन और पल्लाडियन डिजाइन से इंस्पायर होकर बनाई गई है. यह भी बताया जाता है कि जब महल बनकर तैयार हो गया था तो छत की मजबूती का टेस्ट लिया गया. इसके लिए छत पर आठ हाथियों को एक साथ घुमाया गया.
इतना ही नहीं, महल की खूबसूरती में चार-चांद लगाने के लिए हॉल के इंटीरियर में 560 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही, एक मॉडल ट्रेन रखी गई है, जो चांदी से बनी है. यह ट्रेन डाइनिंग टेबल पर लगी है.
400 कमरों का महल, 35 रूम में बना म्यूजियम
जानकारी के लिए बता दें कि जय विलास पैलेस में 400 कमरे बने हैं. इनमें से 35 कमरों में म्यूजियम खुल गया है, जो सिंधिया राजघराने के इतिहास की जानकारी देता है. बताया जाता है कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने जीवाजीराव सिंधिया की याद में यह म्यूजियम बनाया था, जिसका नाम है एचएच महाराजा जियाजीराव सिंधिया संग्रहालय.
अगर महल देखना चाहते हैं तो क्या करें?
बता दें, अगर आप भी इस महल को करीब से देखना चाहते हैं तो टिकट बुकिंग करा सकते हैं. महल मंगलवार से रविवार तक सुबह 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुला होता है और सोमवार को बंद रहता है. टिकट के दाम पता करने के लिए आप महल की आधिकारिक वेबसाइट विजिट कर सकते हैं.
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