MP Politics: कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर क्यों भड़के ज्योतिरादित्य सिंधिया, कहा- 'सड़क पर उतर जाने की दी थी सलाह'
MP News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि साल 2020 में जब उन्होंने अतिथि शिक्षकों की आवाज उठाई थी तो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया था.
Jyotiraditya Scindia Target Kamal Nath And Digvijaya Singh: मध्य प्रदेश के मुरैना में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कमलनाथ (Kamal Nath) और दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों की आवाज उठाने पर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने उन्हें सड़क पर उतर जाने की सलाह दी थी.
इसके बाद उन्होंने तय कर लिया था कि या तो कमलनाथ सरकार रहेगी या फिर वह रहेंगे और परिणाम जनता के सामने है. विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भारतीय जनता पार्टी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है.
इस जन आशीर्वाद यात्रा में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के मंत्री शामिल हो रहे हैं. जब जन आशीर्वाद यात्रा मुरैना के दिमनी में पहुंची तो यहां पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आमसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा "साल 2020 में जब उन्होंने अतिथि शिक्षकों की आवाज उठाई थी तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया था. जब उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी तो दोनों पूर्व मुख्यमंत्री की जोड़ी ने उन्हें सड़क पर उतर जाने की सलाह दी."
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि इस चुनौती के बाद उन्होंने फैसला कर लिया था कि या तो वे रहेंगे या फिर कमलनाथ सरकार रहेगी. इसके बाद कमलनाथ सरकार गिरा दी गई. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ यह भूल गए थे कि उनकी रगों में राजमाता विजययराजे सिंधिया का खून है. उन्होंने मंच से कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया को भी पूर्व में डीपी मिश्रा (पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा) ने चुनौती दी थी जिसके बाद डीपी मिश्रा सरकार को धूल चटा दी गई. इसी प्रकार की चुनौती पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें दी थी.
कमलनाथ सरकार में पावरफुल थे दिग्विजय
केंद्रीय मंत्री सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दोनों ही राजघराने से आते हैं. दोनों राजघराने की लड़ाई काफी पुरानी है. यह लड़ाई राजा महाराजाओं के समय से शुरू हुई थी, जोकि वर्तमान में सियासी दांव पेंच के बीच लगातार चल रही है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस प्रकार का बयान दिया है. उससे लगता है कि कमलनाथ सरकार में दिग्विजय सिंह भी काफी प्रभावशाली थे, उनके इशारे पर ही सरकार चल रही थी. वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी साल में जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं हो रही है.
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि वे तरह-तरह की बहाने बाजी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ नया नहीं किया है उन्होंने पूर्वजों का इतिहास दोहराया है. यह बात अच्छी है कि वे खुद इतिहास बयां कर रहे हैं. मिश्रा ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है कि 2020 में कमलनाथ सरकार को क्यों गिराया गया और इसके पीछे किन लोगों ने सौदेबाजी की थी.