Kailash Vijayvargiya Controversial Statement on Agnipath Scheme: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर बीजपी कार्यालय मैं आयोजित की प्रेस वार्ता के दौरान अग्निपथ को लेकर विवादित बयान दिया है. बीजपी नेता ने अग्निवीर को नौकरी पूरी होने बाद गार्ड कि नौकरी देने कि बात कही है,उन्होंने कहा कि अगर मुझे किसी भी बीजेपी के ऑफिस में गार्ड रखना है तो मैं अग्निवीर को प्रथमिकता दूंगा. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं और खुद बीजेपी के नेता ने भी इस बयान पर पलटवार किया है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर ट्वीट करते हुए लिखा- जिस महान सेना की वीर गाथाएँ कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक. भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं.
बीजेपी कार्यालय में हुई प्रेस वार्ता में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अग्निवीर जब 4 साल की सेवा करने के बाद निकलेगा तो उस समय तक उसकी आयु 25 साल होंगी उसके बाद उसके हाथ मे 11 लाख रूपये होंगे ओर अग्निवीर का छाती पर तमगा लगाकर घूमेगा. इसके अलावा बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की हिंदू नगरी निकाय चुनाव में बीजेपी का मेयर प्रत्याशी लाखों वोटों से जीत दर्ज करेगा. वहीं पार्षद भी बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के ही रहेंगे. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 85 वार्ड के चुनाव में लगभग 900 लोगों से अधिक टिकट की मांग की गई थी. सभी को टिकट देना संभव नहीं होता है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे पार्टी ने जबरदस्ती टिकट दिया था और आज जिस वार्ड से लड़ा हूं वहां से 20 लोग टिकट मांग रहे हैं.जो हमारी 1983 में स्थिति थी वह आज कांग्रेस की स्थिति है.
कांग्रेस पर कैलाश विजयवर्गीय ने बोला हमला
देश में चल रहे अग्निवीरो द्वारा हिंसक प्रदर्शन पर बीजेपी नेता ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश भर मे अभ्यर्थी युवा विरोध प्रदर्शन कर रहा है. जिसके कारण हिंसा ओर आगजनी जैसी घटनाएं हो रही हैं. जो युवा सैनिक बनाना चाहता था, आज वो उपद्रवी बन गया है. तो क्या यही वजह है कि आज अग्निपथ योजना का तमाम राजनैतिक पार्टियां विरोध कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी को देश कि चिंता नही है, उन्हें कुर्सी की चिंता है इसलिए वो विरोध कर रही है. ये राजनैतिक निर्णय नहीं है, ये तीनो सेनाओ के सेना अध्यक्ष और उनकी टीम का सरकार को दिया गया सुझाव है. जिसके बाद इस योजना को लाया गया है.
कारगिल युद्ध के बाद कमीशन ने जो रिपोर्ट सरकार को दे थी उस रिपोर्ट मे था कि हमारे देश के सेनिकों की उम्र कम होना चाहिए, तभी से ये प्रक्रिया लगभग 20 वर्षो से चल रही है. ये कोई एक दिन का निर्णय नहीं है, लेकिन कांग्रेस जिस तरह अपने बयानों से देश को जलाना चाहती है. ये अच्छा निर्णय नहीं है.