Bhopal Chipko Movement: राजधानी भोपाल में पर्यावरण प्रेमियों के संकल्प के बाद आखिरकार सरकार को अपना फैसला टालना पड़ा है. नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं विद्यमान वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को संपूर्ण विचारोपरांत अस्वीकृत कर अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं.


उन्होंने एक्स पर लिखा, ''नवीन प्रस्ताव हेतु प्रारंभिक स्तर पर भी नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श भी किया जाएगा.'' हालांकि पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि अभी लिखित आदेश नहीं हुआ है. 






क्या है सरकार का प्लान?


बता दें मंत्री-विधायकों के बंगले बनाए जाने को लेकर राजधानी भोपाल में 29 हजार हरे भरे पेड़ों को काटने या शिफ्ट करने की सरकारी की प्लानिंग है. इसी को लेकर लगातार विरोध हो रहा है. चिपको आंदोलन चलाया जा रहा है.


भोपाल में पर्यावरणविद् बुधवार (12 जून) से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन की कड़ी में महिलाएं पेड़ों से चिपक कर रोईं, जबकि अगले दिन पेड़ों को रक्षा सूत्र भी बांधे गए, अब इसी कड़ी में कैंडल मार्च निकाला जाएगा. 


यह है सरकार की प्लानिंग
तुलसी नगर और शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर 2378 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में मंत्री-विधायक और अफसरों के लिए बंगले फ्लैट बनाए जाना है. इसके लिए 2267 सरकारी बंगलों और मकानों को भी तोड़ा जाएगा. इस जमीन पर मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और 230 विधायकों के लिए फ्लैट बनाए जाएंगे. साथ ही 3480 अफसरों के बंगले और मकान भी बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट के लिए 29 हजार पेड़ों का काटा या शिफ्ट किया जाना है, जिसका विरोध हो रहा है. 


शिवराज-सिंधिया से भी की अपील
हरे-भरे पेड़ों को बचाने के लिए एबीवीपी सदस्यों ने केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान व ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी अपील की. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एक्सीलेंस स्कूल के पास कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का काफिला रोका और उनसे कहा कि हमारे 29 हजार पेड़ बचा लीजिए. जिस पर शिवराज ने कहा कि जब तक मैं हूं कोई पेड़ नहीं कटेगा. वहीं सिंधिया ने भी पेड़ नहीं कटने देने की बात कही.


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