कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, इस मुद्दे पर सीहोर प्रशासन को लेकर जाहिर की नाराजगी
इन्दौर के बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने रुद्राक्ष महोत्सव निरस्त होने पर सीएम शिवराज को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने सीहोर प्रशासन को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने रुद्राक्ष महोत्सव निरस्त किए जाने के फैसले पर नाराजगी चाहिर की है. सीहोर में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव के चलते सोमवार को करीब 40 किलोमीटर का लंबा जाम लग गया. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया है इस महोत्सव को निरस्त कर दिया गया. कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखकर प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है.
कैलाश विजयवर्गीय ने पत्र में क्या लिखा?
कैलाश विजयवर्गीय द्वारा मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर कहा गया है कि, "सीहोर में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव के कारण हुए चक्काजाम को लेकर कार्यक्रम निरस्त कराया गया है. आदरणीय 28 फरवरी 2022 को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख और सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची. सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है. विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया हैं. आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा.
भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है.लाखों लोग शामिल होते हैं. कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है. लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा को रोक दिया गया हो. क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी? क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले? ''शिवराज जी'' ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं. ये आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय में कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा.आपके ही कार्यकाल में सिंहस्थ जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ.
'शिवराज जी' सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के कारण आपकी छवि पर भी असर पड़ रहा है. आपको यह सब अवगत कराने में भी कष्ट और पीड़ा हो रही है. सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ठ साबित होगा ये कल्पना से परे है. मेरा आपसे यही आग्रह है कि मेरे और आप जैसे सनातनी तो शिव के अनुगामी हैं. भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे हम भी कर लेंगे.किंतु शिवरात्रि के महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी. गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है. सीहोर प्रशासन को जाकर श्री प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगना चाहिए और कथा पुनः प्रारंभ होना चाहिए. मेरी दृष्टि में शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यों भुगते. मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे और कथा पुनः प्रारंभ हो ऐसा प्रयास कराएंगे."
गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय द्वारा अपने ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बीजेपी सरकार को लेकर मुखर हुए हैं. कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों और मुखरता के चलते हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. अब सीहोर की घटना के बाद प्रशासन को आड़े हाथों लेकर मुख्यमंत्री पर ही तंज कसते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा पहला मामला नहीं है जब कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी नाराजगी और प्रदेश में पार्टी में घटते कद को लेकर भी कई बार सवाल खड़े किए हैं. अब इस पत्र के बाद कथा शुरू होगी या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा.
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