MP Assembly Election Results 2023: मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ (Kamalnath) ने मंगलवार (5 दिसंबर) को पार्टी कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे हाल के विधानसभा चुनावों में हार से निराश न हों, बल्कि कमर कस लें और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर ध्यान लगाएं. पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करते हुए कमलनाथ ने आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार को याद किया, जब इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और संजय गांधी (Sanjay Gandhi) जैसे दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा था और कैसे पार्टी ने वापसी की और तीन साल बाद 1980 में लोकसभा में 300 से अधिक सीट हासिल कर प्रभावशाली जीत दर्ज की.
सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) ने इस विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीट हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 66 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत दर्ज की. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘‘ हम यह (विधानसभा) चुनाव हार गए हैं, लेकिन मुझे याद है कि 1977 में भी हम (लोकसभा चुनाव) इससे भी बुरी तरह हारे थे. उस समय इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे हमारे शीर्ष नेता भी हार गए. ऐसा लग रहा था कि पूरा माहौल कांग्रेस के खिलाफ है, लेकिन हम एकजुट हुए और चुनाव मैदान में उतरे। तीन साल बाद चुनाव हुए और पार्टी ने 300 से ज्यादा सीटें जीतीं और इंदिरा गांधी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई.’’
कमलानाथ ने हारने वाले उम्मीदवारों को किया संबोधित
छिंदवाड़ा विधानसभा सीट बरकरार रखने वाले 77 वर्षीय कमलनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनाव में हार को भुलाकर 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत के लिए ईमानदारी से काम करने का आग्रह किया. उन्होंने यहां पार्टी कार्यालय में राज्य में जीतने और हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ हमें (केंद्र में) अपनी सरकार बनाने के लिए चार महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पूरे दिल से काम करना चाहिए.’’
उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों और नवनिर्वाचित विधायकों से 10 दिनों में कांग्रेस की हार के कारणों का विवरण देने वाली दो अलग-अलग रिपोर्ट भेजने को कहा. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि वह लोकसभा चुनाव से पहले पूरे राज्य का दौरा करेंगे. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि बैठक के दौरान, कांग्रेस उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में विसंगतियों का आरोप लगाया और दावा किया कि मतदान के दिन 10 घंटे से अधिक समय तक इस्तेमाल करने के बाद भी ईवीएम 99 प्रतिशत चार्ज पाई गईं, जिससे संदेह पैदा हुआ कि उन्हें या तो बदल दिया गया था या उनके साथ छेड़छाड़ की गई थी.
विशेषकर उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां पार्टी बड़े अंतर से हारी थी. प्रवक्ता के अनुसार उन्होंने बताया कि डाक मतपत्रों की गिनती के दौरान पार्टी काफी आगे थी, लेकिन जब ईवीएम से वोट डाले गए तो रुझान बदल गया. कमलनाथ ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे को कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के सामने उठाएंगे.
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