Chandrayaan 3 Landing on Moon: इसरो के मिशन चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. बुधवार (23 अगस्त) की शाम चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सफल लैंडिग कर इतिहास रच दिया. इस ऐतिहासिक कामयाबी के बाद भारत का नाम दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने चांद पर सफलतापूर्वक अपने कदम रखे. मिशन की सफलता का एलान होते ही, पूरे देश के लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दिया, इस दौरान अक्सर जगहों पर लोग खुशी से झूमते देखे जा रहे हैं. 


चंद्रयान-3 की सफलता के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने इसरो के वैज्ञानिकों को मुबारकबाद पेश की है. ट्विटर (अब एक्स) जारी संदेश में उन्होंने कहा कि, 'नेहरू जी की वैज्ञानिक सोच के परिणाम और इसरो के चंद्र-अभियान की सफलता के लिए हर भारतवासी व वैज्ञानिक को बधाई.' कमलनाथ ने इस मिशन को मानवता के कल्याण शोध बताते हुए कहा कि, 'मानवता के कल्याणार्थ भावी चंद्र-शोध के लिए शुभकामनाएं!'



सिर्फ 14 दिन में मिशन पूरा करेगा इसरो लूनर


आपको बता दें कि इस मिशन के तहत चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को दोपह 2.35 मिनट पर चांद के लिए उड़ान भरी थी, चांद पर चंद्रयान-3 का मिशन सिर्फ 14 दिनों का है. इस दौरान इसरो साइंटिस्ट चांद पर पानी की खोज के साथ खनिज की जानकारी हासिल करेंगे. इसके अलावा भूकंप, टेंपरेचर और चांद की मिट्टी के बारे में भी जानकारी ली जाएगी. 


क्या होगा चंद्रयान-3 का काम?


मिशन के अनुसार, कुछ देर बाद लैंडर विक्रम से प्रज्ञान रोवर एक चांद की सतह पर उतरेगा. प्रज्ञान रोवर में पहिए और नैविगेशन कैमरे लगे इंस्टॉल हैं. यह चंद्रमा के परिवेश का इन-सीटू (यथास्थान) विश्लेषण करेगा और सभी जानकारी विक्रम लैंडर के साथ शेयर करेगा. विक्रम लैंडर का काम है पृथ्वी पर वैज्ञानिकों के साथ सीधा संपर्क बनाए रखना. इसी तरह चांद से जो भी जानकारी मिलेगी, वह डायरेक्ट इसको साइंटिस्ट के पास पहुंचती रहेगी.


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