Kamal Nath on Nakul Nath Defeat in Chhindwara: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए और कांग्रेस यहां अपना इकलौता गढ़ छिंदवाड़ा भी नहीं बचा सकी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने बड़ी संख्या में सीटें जीती हैं. विपक्षी गठबंधन का प्रदर्शन आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति को एक नई दिशा देगा. हालांकि, बेटे और छिंदवाड़ा से निवर्तमान सांसद नकुलनाथ की हार पर कमलनाथ ने कहा कि यह केवल एक सीट की बात नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में कांग्रेस की बड़ी हार का मसला है.
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में हुई कांग्रेस की बड़ी हार की जांच करने की बात कही है, जिसमें वह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि उनके गढ़ में जनता कांग्रेस से नाराज क्यों है. वहीं, बीजेपी पर हमला बोलते हुए कमलनाथ ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी 400 पार का नारा देती रही, लेकिन केवल 240 सीट पर सिमट गई, लेकिन उनके अलायंस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और 234 सीटें मिलीं.
इंडिया गठबंधन की सरकार बनने के सवाल पर कमलनाथ
क्या इंडिया गठबंधन इस बार सरकार बना सकेगा? इस सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि फिलहाल बीजेपी नीत एनडीए की सरकार है, लेकिन अगर हालात बदलते हैं तो ऐसा अवसर तलाशा जा सकता है. कमलनाथ ने जानकारी दी कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उनहें आलाकमान ने दिल्ली बुलाया था, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले वह छिंदवाड़ा जाकर वहां की जनता से मिलेंगे, जिन्होंने इतने साल तक नाथ परिवार का साथ दिया.
इससे पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि छिंदवाड़ा की जनता ने उन्होंने विदाई दी है, जिसे वह स्वीकार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका और छिंदवाड़ा का रिश्ता 45 साल पुराना है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से भी कहा कि ग्राउंड पर जाकर कांग्रेस की हार की वजह पता करने की कोशिश करें और उन्हें रिपोर्ट दें.
72 साल में केवल 2 बार छिंदवाड़ा जीती बीजेपी
वहीं, नकुलनाथ ने कहा कि वह छिंदवाड़ा नहीं छोड़ने वाले हैं. पार्टी का अगला लक्ष्य जिले के अमरवाड़ा में विधानसभा उपचुनाव जीतना है. बता दें, बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने छिंदवाड़ा के लोकसभा चुनाव 2024 में 1,13,618 वोटों से जीत हासिल की और नकुलनाथ को बड़े अंतर से हराया. 1952 से आज तक केवल दूसरी बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी ने छिंदवाड़ा में जीत हासिल की है. 27 साल पहले साल 1997 में यहां से बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराकर जीत हासिल की थी.
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