MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2024 पर भी नजर गड़ाए हुए है. सबसे बड़ी चुनौती पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में मानी जाती है. यहां पर 7 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनकी एक लोकसभा सीट है. इस पर कांग्रेस और कमलनाथ का एक तरफा वर्चस्व है.


छिंदवाड़ा में बेटे को जिताकर कमलनाथ ने दिखाई थी ताकत  


पिछले लोकसभा चुनाव में जहां मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था, वही एक सीट नकुलनाथ के रूप में छिंदवाड़ा से कांग्रेस के खाते में गई थी जो कि कमलनाथ के वर्चस्व को दर्शाती है. एक ओर जहां बीते चुनाव में  मोदी लहर के कहर में अमेठी से कांग्रेस के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक चुनाव हार गए थे और गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हारे थे वही अपने बेटे नकुल नाथ को छिंदवाड़ा से जिताकर कमलनाथ ने अपनी ताकत का अंदाजा लगवा दिया था.


अमेठी की तर्ज पर बीजेपी छिंदवाड़ा में बना रही योजना 


इसी बीच अब बीजेपी छिंदवाड़ा की विधानसभा सीटों एवं लोकसभा सीट पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अमेठी की तर्ज पर प्लानिंग कर रही है. जिस प्रकार से लगातार राहुल गांधी को पराजित करने के लिए स्मृति ईरानी अमेठी में सक्रिय थीं, उसी तर्ज पर बीजेपी मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे भेरूलाल पाटीदार की बेटी कविता पाटीदार इन दिनों छिंदवाड़ा क्षेत्र में बेहद सक्रिय हैं. कविता पाटीदार मालवा की चर्चित महिला नेता हैं और पूर्व में इंदौर जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.अपनी वाक् शैली और राजनीतिक कुशलता के दम पर वह बीजेपी की राज्यसभा से सांसद बनी है.


छिंदवाड़ा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं कविता पाटीदार 


कविता पाटीदार बीते कुछ दिनों से पार्टी के निर्देशानुसार छिंदवाड़ा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. वह ग्रामीण अंचल के दौरे कर रही हैं. बीते दिनों छिंदवाड़ा क्षेत्र में हुई गृह मंत्री अमित शाह की सभा को कामयाब बनाने की जिम्मेदारी भी कविता पाटीदार पर सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाने का काम किया है. आंकड़ों के लिहाज से छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 30 से 35 फीसद आबादी ओबीसी का प्रतिनिधित्व करती है.


महिला और ओबीसी चेहरा बीजेपी की रणनीति को बना सकता है असरदार 


इनमें महिला और ओबीसी चेहरा बीजेपी की रणनीति को असरदार बना सकता है. इसी बीच बीजेपी मध्यप्रदेश के नेता व कृषि मंत्री कमल पटेल जो कि छिंदवाड़ा के प्रभारी हैं, जब मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या कविता पाटीदार स्मृति ईरानी जैसा परिणाम दोहराएंगी तो इसके जवाब में उन्होंने हां कहा था. साथ ही कमल पटेल ने कांग्रेस पर जमकर बरसते हुए कहा कि 15 महीने की सरकार में उन्होंने सिर्फ किसानों को धोखा दिया है. इनके पास आईफा में फोटो का समय था लेकिन कोरोना में गरीबों की सेवा करने का समय नहीं था. जिसके बाद से विपक्ष कमल पटेल को लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है.


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