Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) और उनके बेटे नकुलनाथ (Nakul Nath) के कांग्रेस (Congress) छोड़कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलों लगाई जा रही हैं. इस बीच कमलनाथ समर्थित करीब छह विधायक रविवार (18 फरवरी) को दिल्ली पहुंच गए. कमलनाथ के करीबी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पहुंचे मध्य प्रदेश के विधायकों में तीन छिंदवाड़ा से हैं जबकि क्षेत्र के अन्य तीन विधायक दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे पुरानी पार्टी से शुरू की थी और वह इसे नहीं छोड़ेंगे. कमलनाथ के दिल्ली आवास पर कथित तौर पर ‘जय श्री राम’ लिखा झंडा फहराता देखे जाने पर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने-अपने तरीके से अनुमान जताना शुरू कर दिया. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी शनिवार को दिन भर कांग्रेस विधायकों से संपर्क करने और उन्हें यह बताने में व्यस्त रहे कि कमलनाथ पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं.
नौ बार सांसद रह चुके हैं कमलनाथ
कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके हैं और फिलहाल वहां से वह विधायक हैं. बीते नवंबर में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. कमलनाथ के समर्थक विधायक फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ के समर्थक और पूर्व मंत्री लखन घनगोरिया भी दिल्ली में उनके साथ डेरा डाले हुए हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कमलनाथ के समर्थक दीपक सक्सेना ने छिंदवाड़ा में मीडिया से कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह उन्हें प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया गया, उससे वह आहत हैं. सक्सेना ने कहा कि हम चाहते हैं कि उन्हें पूरा सम्मान मिले. वह जो भी फैसला लेंगे, हम उसमें उनके साथ रहेंगे.
एमपी विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक
कमलनाथ के अन्य समर्थक और राज्य के पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा ने अपने ‘एक्स’ प्रोफाइल पर ‘जय श्री राम’ लिखा. पूर्व सांसद वर्मा ने कहा कि मैं कमलनाथ का अनुसरण करूंगा. पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कमलनाथ का धड़ा 23 विधायकों को अपने साथ लाने का प्रयत्न कर रहा है, ताकि दल-बदल कानून उन पर लागू न हो. मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 66 विधायक हैं. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के वकील राकेश पांडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एक तिहाई विधायकों के पाला बदल लेने की स्थिति में दलबदल कानून लागू नहीं होगा.
2020 में मची थी ऐसी हलचल
इसके पहले मार्च 2020 में कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ज्योतिदिरात्य सिंधिया और उनके कई समर्थक विधायक बीजेपी में चले गये थे, जिससे कमलनाथ की अगुवाई वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गयी थी. उधर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा सबसे पुरानी पार्टी से शुरू की थी और वह इसे नहीं छोड़ेंगे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह और अन्य कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में थे. दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि 'हम सभी कमलनाथ को दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा जी (संजय गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाद) का तीसरा बेटा मानते हैं.'
'कमलनाथ हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं'
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि कमलनाथ जी हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं. वह एक सच्चे कांग्रेसी नेता हैं. उन्हें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, एआईसीसी महासचिव और मप्र कांग्रेस प्रमुख सहित सभी पद मिले हैं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ का चरित्र ऐसा है कि वह केंद्रीय एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग (आईटी) या सीबीआई के दबाव में नहीं आएंगे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसी सभी अटकलों का सबसे बड़ा खंडन यह है कि कमलनाथ अभी भी बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं या कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है.