Madhya Pradesh News: कमलनाथ (Kamal Nath) अपने राजनीतिक करियर को लेकर आगे क्या फैसला लेंगे, उसपर उनके वफादारों की नजर है क्योंकि उनका फैसला पर इसी घोषणा पर निर्भर करेगा. ऐसे में कुछ विधायक और पूर्व मंत्री दिल्ली में हैं तो वहीं कुछ ऐसे विधायक भी हैं जो कमलनाथ कैम्प द्वारा संपर्क करने के बाद भी उनके साथ आने का मन नहीं बना पाए हैं. कांग्रेस के इन विधायकों के मन में संशय है और उसके समाधान के बाद ही कुछ फैसला लेना चाहते हैं. वे कमलनाथ से आश्वासन चाहते हैं. उन्हें लगता है कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) बीजेपी में गए थे तो उनके विधायकों को भी रख लिया गया था लेकिन अभी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आंकड़ों के लिहाज से और विधायकों की जरूरत नहीं है.
ऐसी खबर है कि कमलनाथ का कैम्प एक तिहाई कांग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटा है ताकि आगे दलबदल विरोधी कानून से बचा सके. वे कम से कम 22 विधायकों को अपने पाले में करना चाह रहे हैं. अभी कांग्रेस के विधायकों की संख्या 66 है. कुछ विधायक स्वेच्छा से कमलनाथ के साथ खड़े हो गए हैं जिनमें से उनके क्षेत्र छिंदवाड़ा के भी विधायक हैं. इसके अलावा दो पूर्व मंत्री खुलकर सपोर्ट कर रहे हैं तो एक पूर्व मंत्री ने मीडिया से तो कुछ नहीं कहा लेकिन वह भी इस वक्त दिल्ली में हैं.
आगे क्या करेंगे कमलनाथ?
अब ये देखना होगा कि कमलनाथ 22 विधायकों को जुटा पाते हैं या नहीं. फिलहाल तो उन्होंने बीजेपी के साथ जाने की बातों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है और केवल इतना कहा है कि उनकी किसी से बात नहीं हुई है. उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ को लेकर हलचल मची हुई है. पार्टी के बड़े नेता इसे अफवाह मानकर टालने की कोशिश कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि जो इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे की तरह रहे हैं वह भला कांग्रेस कैसे छोड़ेंगे लेकिन ग्राउंड पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है.
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