Madhya Pradesh Politics: मध्य प्रदेश की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए मुख्य कांग्रेस की लीडरशिप फिर एक होती नजर आ रही है. इसका उदाहरण एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में देखने को मिला, जहां वर्षों पुराने बीजेपीई परिवार को कांग्रेस ने तोड़ लिया. मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व विधायक के बेटे जिला पंचायत सदस्य यादवेंद्र सिंह यादव बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए.
राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि इस सेंधमारी में यादव नेता अरुण यादव, सचिन यादव और विधायक जयवर्धन सिंह का अहम रोल है. चर्चा है कि यादव नेता अरुण यादव व पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने मुंगावली क्षेत्र के नेता यादवेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस में शामिल करने के लिए बेस बनाया था. यादव नेताओं के बेस बनाते ही इसमें एंट्री विधायक जयवर्धन सिंह की हो गई. जयवर्धन सिंह की बेहतर प्लानिंग ने बीजेपी को झटका दे दिया और यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
समर्थकों के साथ थामा कांग्रेस का दामन
बता दें कि मुंगावली से पूर्व विधायक देशराज सिंह यादव के बेटे यादवेंद्र सिंह यादव ने एक दिन पहले बुधवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया है. यादवेंद्र सिंह को पीसीसी चीफ कमलनाथ द्वारा सदस्यता दिलाई गई. इस मौके पर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, जयवर्धन सिंह आदि मौजूद थे. यादवेंद्र सिंह करीब 500 से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ राजधानी भोपाल पीसीसी कार्यालय पहुंचे थे.
पिता तीन बार रहे विधायक
चर्चा है कि यादवेंद्र सिंह यादव के कांग्रेस में शामिल से मुंगावली विधानसभा सीट के समीकरण बदल सकते हैं. मुंगावली विधानसभा से यादवेंद्र सिंह के पिता पिछले तीन बार विधायक रहे हैं. वहीं यादवेंद्र सिंह खुद, उनकी मां और पत्नी वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं.
मुंगावली में 50-60 हजार यादव वोट
बता दें कि अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीटों पर यादव फेक्टर चलता है. यहां यादव समाज ही हार-जीत का फैसला तय करता है. बताया जाता है कि मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में करीब 50 से 60 हजार की संख्या में यादव मतदाता हैं. बताया जाता है कि यादवेंद्र सिंह यादव के कांग्रेस में शामिल होने से अशोकनगर जिले की तीनों विधानसभा सीटों के समीकरण बदल सकते हैं.
कमलनाथ ने दिए थे संकेत
बता दें कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में संकेत दे दिए थे कि आज एक ऐसा परिवार कांग्रेस में शामिल होने जा रहा है, जिसे अपना पूरा जीवन राजनीति और समाजसेवा में लगाया है. इधर अरुण यादव ने भी मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यादवेंद्र सिंह यादव को कांग्रेस में शामिल करने के लिए बीते तीन साल से ही मेहनत की जा रही थी.
यादवेंद्र ने सिंधिया को ठहराया जिम्मेदार
इधर यादवेंद्र सिंह यादव ने इस बदलाव के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिंया को जिम्मेदार ठहराया है. यादवेंद्र सिंह यादव ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हमने अपने क्षेत्र में बीजेपी को खड़ी करने के लिए दिन रात मेहनत की है. मेरे परिवार में आज भी तीन-तीन जिला पंचायत सदस्य है. मैं, मेरी पत्नी और मेरी मां जिला पंचायत सदस्य हैं. लगातार तीन साल से अशोक नगर में बीजेपी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है. इस उपेक्षा की वजह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया है. सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद से ही अशोक नगर में बीजेपी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है.
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