Kamal Nath on Tribal CM Demand: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आदिवासी को बिठाए जाने का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है. हालांकि इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुप्पी तोड़ते हुए खुलकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह पार्टी नहीं बल्कि जनता तय करेगी.
यह जवाब कमलनाथ ने कांग्रेस विधायक की डिमांड सामने आने के बाद दिया. विधायक उमंग सिंघार ने हाल ही में जनता को संबोधित करते हुए अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी पार्टी के आलाकमान के सामने मांग रखी थी कि इस बार सीएम चेहरा आदिवासी समुदाय से हो. इस मुद्दे पर पहली बार कमलनाथ ने बयान दिया. कमलनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह जनता तय करेगी. वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में मध्य प्रदेश देश का नंबर वन राज्य है.
क्या है आदिवासी मुख्यमंत्री का पूरा विवाद ?
दरअसल, कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके उमंग सिंघार ने बदनावर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर आदिवासी को बिठाए जाने की मांग लगातार उठ रही है. इस बयान के बाद कांग्रेस में हलचल मच गई. विधायक उमंग सिंघार के मुताबिक उन्होंने यह बयान किसी पार्टी को लेकर नहीं दिया बल्कि यह बात बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर लागू होती है. जिस भी पार्टी को आदिवासी समुदाय का वोट चाहिए, उसे यह तय करना पड़ेगा.
शिवराज सरकार के कर्ज का मुद्दा उठाया
आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री चुने जाने के मुद्दे के अलावा कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार लगातार कर्ज में डूब रही है. ठेकेदारों से एडवांस राशि ली जा रही है. इस मुद्दे पर शिवराज सरकार से सवाल पूछे जाना चाहिए. वहीं, हिन्दू राष्ट्र के मुद्दे पर कमलनाथ ने कहा कि इसमें कहने की क्या बात है, यह तो आंकड़े बताते हैं. हमारे देश में 82 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दू है.
गौरतलब है कि भोपाल के प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकार वार्ता के दौरान कई सवालों के जवाब दिए. जब उनसे चुनाव आते ही धार्मिक आयोजनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में प्रदेश का सबसे बड़ा हनुमान मंदिर 15 साल पहले बनाया गया था. इसका उन्होंने कभी प्रचार-प्रसार भी नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि पंडित प्रदीप मिश्रा भी छिंदवाड़ा में कथा करने की योजना बना रहे हैं. इस बारे में उन्हें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली थी.
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