MP Politics: चुनावी साल में आज से मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों के लिए वीकली ऑफ की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही यहां इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था. 


पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्विटर पर आगे लिखा, "यह बाद इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है. बीजेपी को 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई. साप्ताहिक अवकाश बहाल कर शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है. अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता, तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है."


7 हजार से अधिक बल अवकाश पर
आज से शुरू हुई पुलिसकर्मियों की अवकाश व्यवस्था के तहत प्रतिदिन 7 हजार से अधिक पुलिस जवान अवकाश पर रहेंगे. अकेले भोपाल और इंदौर में ही 1100 पुलिस जवान हर दिन अवकाश पर रहेंगे. बता दें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने इसे लागू कर दिया है, जिसकी शुरुआत आज से हो रही है. 


थानों में टू आईसी संभालेंगे काम
बता दें हर दिन करीब 14 फीसदी पुलिस बल अवकाश पर रहेगा. इधर थानों में टू आईसी बनाए जाएंगे. थाना प्रभारी जिस दिन अवकाश पर रहेंगे उस दिन काम टू आईसी देखेंगे. इसके अलावा उप संभाग में जितने भी थाने आते हैं उनके प्रभारी को अलग-अलग दिन अवकाश दिया जाएगा.


पुलिस ने तय किया है कि रविवार को नाईट ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी और अधिकारियों को सोमवार को छुट्टी दी जाएगी. ये पुलिसकर्मी सीधे मंगलवार सुबह 8:30 बजे ड्यूटी पर आएंगे.


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