Tomato Price Hike: टमाटर और अदरक के दाम इस कदर आसमान पर पहुंच गए हैं कि अब यह गरीब ही नहीं बल्कि मध्यमवर्गीय परिवार की रसोई से दूर हो गए हैं. इसी के चलते बाजार में टमाटर और अदरक की डिमांड भी कम हो गई. व्यापारियों को इससे काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. सब्जी मंडी में कुछ ही दुकानों पर टमाटर और अदरक दिखाई दे रहा है.
इसकी सबसे बड़ी वजह उनके दाम हैं. थोक सब्जी व्यापारी हरीश सिंह के मुताबिक टमाटर वर्तमान थोक बाजार में डेढ़ सौ रुपए किलो बिक रहा है, जबकि अदरक के दाम 200 रुपये प्रति किलो तक है.
उन्होंने बताया कि अभी अदरक के दाम बढ़ने और बढ़ने की संभावना है. जब से टमाटर के दाम आसमान पर पहुंचे हैं, तब से इसकी डिमांड भी कम हो गई है. वहीं व्यापारी अजीज खान ने बताया कि उज्जैन की सब्जी मंडी में 2000 कैरेट रोज टमाटर आता था, लेकिन दाम बढ़ने के बाद सिर्फ 200 से 250 कैरेट टमाटर ही आ रहा है. 1 कैरेट में 30 से 32 किलो टमाटर होता है. बाजार में टमाटर और अदरक की डिमांड कम होने की वजह से व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कृषि मंत्री ने जताई खुशी
वहीं शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल टमाटर, अदरक सहित अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि जब टमाटर, प्याज सड़क पर फेंका जा रहा था तब कोई आवाज नहीं उठी थी, लेकिन थोड़े से दाम बढ़ने पर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है.
इस साल विधानसभा चुनाव है, इसलिए कुछ राजनीतिक दल किसानों की सब्जियों के दाम बढ़ने से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार है. यदि सब्जियों के दाम बढ़ते हैं, तो इसका सीधा लाभ किसानों को पहुंचता है. यह हर्ष का विषय है.
बता दें सब्जियों के दाम में अस्थिरता रहने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसकी पैदावार समय, जब किसी सब्जी के दाम बढ़ जाते हैं, तो अगले साल बड़ी संख्या में किसान फिर उसी सब्जी की पैदावार कर लेते हैं. जब पूर्ति अधिक रहती है, तो मांग कम होने पर दाम कम हो जाते हैं, इसलिए यदि जिले के अनुसार, सरकार का कृषि मंत्रालय किसानों को अलग-अलग प्रकार की फसलें और सब्जियां उगाने की रणनीति बताए तो किसानों को इसका काफी लाभ मिल सकता है. इसके अलावा सब्जियों की कमी भी महसूस नहीं होगी.
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