MP News: एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार आदिवासियों को साधने के लिए इंदौर पहुंचे हैं. कन्हैया कुमार ने तालियां भी जमकर बटोरीं है. कन्हैया कुमार मंच से बोलते रहे और नीचे कुर्सी पर बैठे आदिवासी युवा उनको सुनकर तालियां गड़गड़ाते रहे. इतना ही नहीं कन्हैया कुमार जब मंच से उतरकर नीचे आए तो उन्हें देखने और मिलने वालों की तादाद भी अच्छी खासी थी.


ये सब देखकर लोग अब ये कहने लगे हैं कि क्या कन्हैया कुमार भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं, क्योंकि मालवा निर्माण में पिछले चुनावों में शिकस्त के बाद भारतीय जनता पार्टी एक-एक कदम फूंक कर रख रही है. ऐसे में कन्हैया कुमार की बढ़ती लोकप्रियता और आदिवासियों के बीच उनकी पैठ बीजेपी के लिए अच्छे संकेत देती नजर नहीं आती. 


प्रदेश में 22 फीसदी से ज्यादा आदिवासियों का वोट बैंक है. चुनावों में आदिवासियों को रिझाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने सरकारी खजाने के दरवाजे भी खोल दिए. महिलाओं आदिवासी युवाओं के लिए एक से बढ़कर एक योजना लाई गई और उनका क्रियान्वयन ठीक से हो, ये सुनिश्चित किया गया. यह सब इसलिए किया गया ताकि आदिवासियों का वोट बैंक बीजेपी के पास बना रहे. मध्य प्रदेश की राजनीति की धुरी माने जाने वाले आदिवासी वोट बैंक को बीजेपी अपने से दूर नहीं करना चाहती. 


इधर कांग्रेस भी आदिवासियों को रिझाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और आदिवासी युवाओं को जोड़ने के लिए कन्हैया कुमार को इंदौर बुलाया गया. पिछले रविवार कन्हैया कुमार इंदौर में थे और उन्होंने कहा कि आदिवासी महापंचायत में भाषण भी दिया.


कन्हैया कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने आदिवासियों पर जमकर अत्याचार किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के तमाम नेताओं को कन्हैया कुमार ने अपनी वाकपटुता के चलते निशाने पर रखा और तीखे हमले किये. 


इससे एक बात तो तय हो गई कि कांग्रेस कन्हैया कुमार को सबकुछ बता और समझाकर लाई थी. कन्हैया को ये बता दिया गया था कि मध्यप्रदेश में आदिवासी भारतीय जनता पार्टी के कमजोर कड़ी बन सकते हैं.


जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले कन्हैया कुमार अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए अभियान चलाएंगे. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कन्हैया कुमार मध्य प्रदेश के सभी आदिवासी सीटों पर जाएंगे और आदिवासियों के मसले में शिवराज सरकार फेल हो गई है इस बात की जागरूकता फैलाएंगे.  


एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी बनाने के बाद बीजेपी के आदिवासी वोट बैंक में तोड़फोड़ करने की जिम्मेवारी भी कन्हैया कुमार के कंधों पर है. कन्हैया कुमार ने भी अपने भाषणों में शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर अपनी शैली में हमले किए. इस बात को देख कर कहा जा सकता है कि उन्हें कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का पूरा साथ मिला हुआ है. इधर इंदौर में आदिवासी युवा पंचायत में पहुंचे कन्हैया कुमार से मिलने वालों की भीड़ भी अच्छी खासी थी और उनसे हाथ मिलाने के लिए आदिवासी युवा आतुर थे.


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